श्रीनगर। फारूक अब्दुल्ला के घर मंगलवार को हुई गुपकार गठबंधन की बैठक के बाद PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘बीते दिन सरकार तालिबान से बात कर रही थी। जब तालिबान से बात हो सकती है तो पाकिस्तान से क्यों नहीं? उन्हें आवाम के लिए जम्मू-कश्मीर के नेताओं से भी बात करनी चाहिए।
इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस (NC) चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘जिन्हें भी PM की तरफ से न्योता भेजा गया है, वे सभी 24 जून को मीटिंग में जाएंगे और गृहमंत्री से भी मुलाकात करेंगे।
आसमान के तारे नहीं मांगेंगे: तारीगामी
बैठक में शामिल हुए गुपकार गठबंधन के प्रवक्ता युसुफ तारीगामी ने कहा, ‘हम जम्मू-कश्मीर को लेकर उनसे बात करेंगे। हमारी मीटिंग का कोई एजेंडा नहीं है, सब अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं। हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हम मीटिंग में आसमान के तारे नहीं मांगेंगे। हम वही मांगेंगे, जो हमारा था और हमारा ही रहना चाहिए।’ मीटिंग में शामिल मुजफ्फर शाह ने कहा है कि आर्टिकल-370 को लेकर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
6 दलों के नेता शामिल हुए
बैठक में 6 दलों के नेता शामिल हुए, जिसकी अगुवाई फारूख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस (NC) और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने की। बैठक फारूक अब्दुल्ला के घर पर हुई।
विधानसभा चुनाव और पूर्ण राज्य के दर्जे पर हो सकती है बात
प्रधानमंत्री मोदी की 24 जून को होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर में चल रहे राजनीतिक गतिरोध के अलावा केंद्र शासित प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने संबंधी विषयों पर चर्चा हो सकती है। बैठक में जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा की उम्मीद है।
राज्य में चुनाव 2018 से लंबित हैं। तब महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP और भाजपा का गठबंधन टूट गया था। इस बीच, गुपकार समूह ने भी केंद्र सरकार से बातचीत को लेकर नरम रुख के संकेत दिए थे।
शाह ने की थी हाई लेवल मीटिंग, मनोज सिन्हा से भी मिले थे
इससे पहले अमित शाह ने शुक्रवार को गृह मंत्रालय में एक हाईलेवल मीटिंग की थी। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, होम सेक्रेटरी अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के निदेशक अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल, CRPF के डायरेक्टर जनरल कुलदीप सिंह और जम्मू और कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह शामिल हुए थे। इस मीटिंग से पहले अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात की थी। दोनों बैठकों को जम्मू-कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।
अगस्त 2019 में खत्म हुआ था अनुच्छेद 370
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में भी विभाजित किया गया था।
इस फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत कई बड़े नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। हालांकि, कई महीनों बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।