गोला गोकर्णनाथ में बीजेपी की जीत से योगी की यूपी पर पकड़ और मजबूत

लखनऊ। यूपी की गोला गोकर्णनाथ सीट पर शानदार जीत हासिल करने के साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने का बीजेपी का दावा और यूपी पर सीएम योगी की पकड़ और मजबूत हो गई है। उनकी अगुवाई में यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव से चला जीत का सिलसिला आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीटों पर हुए उपचुनाव से होता हुआ गोला गोकर्णनाथ तक आ पहुंचा है। नतीजतन, उत्‍साह से लबरेज बीजेपी मैनपुरी संसदीय और रामपुर विधानसभा सीट पर 5 दिसम्‍बर को होने वाले उपचुनाव में भी बड़ी जीत का दावा करने लगी है।

गोला गोकर्णनाथ की जीत बीजेपी के लिए क्‍या मायने रखती है इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि उसने 40 से अधिक स्‍टार प्रचारकों को मैदान में उतार रखा था। एक नवम्‍बर को खुद सीएम योगी ने यहां मेगा रैली की थी। इसके पहले पार्टी के कई कद्दावर नेता और सरकार के बड़े चेहरे गोला गोकर्णनाथ की जनता से वोट मांगने पहुंचे थे।
एक नवम्‍बर की रैली में सीएम योगी ने गोला गोकर्णनाथ की जनता से यहां पार्टी प्रत्‍याशी अमन गिरि के पिता अरविंद गिरि के सपनो को पूरा करने वादा किया था। उन्‍होंने जीत के बाद जनता का आभार जताने के लिए फिर से यहां आने की भी बात कही थी।

 

बता दें कि अरविंद गिरी के निधन के चलते ही गोला गोकर्णनाथ की सीट खाली हुई थी। वहां तीन नवम्‍बर को उपचुनाव हुआ। सपा ने इस सीट से अपने पुराने धुरंधर विनय तिवारी को मैदान में उतारा था। विनय तिवारी इस सीट से 2012 में विधायक चुने गए थे लेकिन साल 2017 और 2022 में वह चुनाव हार गए। दोनों ही चुनाव में उनको अरविंद गिरि ने हराया था। अब अरविंद गिरि के बेटे अमन गिरि ने उन्‍हें 34298 वोटों से हरा दिया है।

सपा की टिकी थीं उम्‍मीदें 
गोला गोकर्णनाथ में सपा की भी उम्‍मीदें टिकी थीं। इसकी वजह यह है कि यहां कांग्रेस और बीएसपी मुकाबले से बाहर हो गई थीं और सपा के रणनीतिकारों का कहना था कि वो अपने आधार वोट और पिछले चुनाव में दूसरी विपक्षी पार्टियों को मिले वोटरों के समर्थन से बीजेपी को हरा देंगे। बताया जाता है कि इस विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी और मुस्लिम वोट सबसे ज्‍यादा हैं।

आमतौर पर कुर्मी बीजेपी के वोटर माने जाते हैं तो मुसलमान सपा के। अन्‍य विपक्षी पार्टियों के मैदान से बाहर होने के चलते इस बार सपा को मुस्लिम वोटों के एकमुश्‍त अपने पाले में आने की उम्‍मीद थी। पिछले चुनाव में यहां बीजेपी को 48.65 प्रतिशत, सपा को 37.40 प्रतिशत, बीएसपी को 10.37 प्रतिशत और कांग्रेस को 1.35 प्रतिशत वोट मिले थे।

सपा को उम्‍मीद थी कि पिछली बार कांग्रेस और बीएसपी को वोट देने वाले ज्‍यादातर वोटर इस बार उसका साथ देंगे लेकिन छह नवम्‍बर को आए उपचुनाव के नतीजों ने इस सारे गणित पर पानी फेर दिया। सपा के लिए आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीट के बाद गोला गोकर्णनाथ की हार पार्टी में नई ऊर्जा भरने का एक और मौका गंवा देने जैसा है।

और मजबूत हुई सीएम योगी की पकड़ 

गोला गोकर्णनाथ की जीत से सीएम योगी की यूपी पर पकड़ और मजबूत हो गई है। इसके पहले जून 2022 में उनकी अगुवाई में अखिलेश यादव के इस्‍तीफे से खाली हुई आजमगढ़ संसदीय सीट और आजम खां के इस्‍तीफे से खाली हुई रामपुर संसदीय सीट पर बीजेपी ने एतिहासिक जीत हासिल की थी।

पिछले अगस्‍त महीने में नए प्रदेश अध्‍यक्ष भूपेन्‍द्र चौधरी के स्‍वागत में आयोजित कार्यक्रम में योगी आदित्‍यनाथ ने दावा किया था कि बीजेपी 2024 में प्रदेश की सभी 80 संसदीय सीटों पर जीत हासिल कर एक बार फिर से अपना रिकॉर्ड बनाएगी। गोला गोकर्णनाथ की जीत ने उनके इस दावे को और मजबूत कर दिया है। इसके साथ ही एक महीने बाद 5 दिसम्‍बर को मैनपुरी संसदीय सीट और रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में उन्‍हें पार्टी कार्यकर्ताओं में जीत का जोश भरने का एक और मौका मिलने वाला है।

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