बड़ी कामयाबी : ग्रेटा थनबर्ग केस में पहली गिरफ्तारी, बेंगलुरु से एक्टिविस्ट अरेस्ट

नई दिल्ली। नये कृषि कानून को लेकर किसान आन्दोलन से संबंधित स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट के जरिये देश को बदनाम करने की कोशिश में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल दिल्ली पुलिस भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा करने के लिए सख्ती बरत रही है। इस क्रम में दिल्ली पुलिस ने साजिश में शामिल 21 वर्षीय दिशा रवि को बंगलूरू से गिरफ्तार किया है। साइबर सेल ने टूलकिट मामले में पहली गिरफ़्तारी की है।

दिशा फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की संस्थापकों में से एक हैं। उन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया गया। दिशा पर आरोप है कि उन्होंने किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट को एडिट किया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिशा टूलकिट केस की अहम कड़ी है। पूछताछ के दौरान दिशा ने कबूल किया कि उसने टूलकिट में कई जानकारियां जोड़ीं और उसे एडिट कर सोशल मीडिया पर फैलाया। पुलिस अब दिशा की रिमांड के बाद और पूछताछ करेगी। सूत्रों के मुताबिक, मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

दरअसल, ये टूलकिट तब चर्चा में आई थी, जब स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। उन्होंने टूल किट शेयर करने के साथ ही किसान आंदोलन का भी समर्थन किया था। 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।

कौन है दिशा रवि?
दिशा नार्थ बेंगलुरु के सोलादेवना हल्ली इलाके की रहने वाली है। 21 साल की दिशा के पिता मैसूरु में रहते हैं और पेशे से एथलेटिक्स कोच हैं। दिशा की मां हाउस वाइफ हैं। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर ग्रेटा के टूलकिट कैम्पेन का हिस्सा थीं।

मिली जानकारी के अनुसार दिशा रवि ने माउन्ट कैर्मेल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक किया है। मौजूदा समय में वो गुड माइल्क कंपनी के साथ जुडी हुई हैं। अपनी गिरफ़्तारी के वक्त भी दिशा घर से काम कर रही थी।

पूछताछ में उन्होंने बताया कि किसानों से जुड़ी टूलकिट को एडिट किया। साथ ही उसमें कुछ चीज़ें जोड़कर आगे भेजा था।  फिलहाल पूछताछ जारी है।दिशा रवि के पिता मैसूरु में एक एथलेटिक्स कोच हैं, जबकि मां एक गृहिणी हैं।

वहीं इस मामले में ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ भी दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। एफआईआर दर्ज होने के बाद ग्रेटा ने ट्वीट कर लिखा कि कोई भी धमकी उन्हें हिला नहीं सकती। उन्होंने लिखा कि, ‘मैं अभी भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती हूं। नफरत, धमकी या मानवाधिकारों के उल्लंघन की किसी भी कोशिश से ये बदलने वाला नहीं है।’

टूलकिट क्या है?
टूलकिट एक डॉक्यूमेंट है। इसमें बताया गया है कि आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर समर्थन कैसे जुटाया जाए, किस तरह के हैशटैग का इस्तेमाल किए जाएं, प्रदर्शन के दौरान अगर कोई दिक्कत आए तो कहां कॉन्टैक्ट करें? इस दौरान क्या करें और क्या करने से बचें?

क्या था मामला 

गौरतलब है कि जलवायु कार्यकर्ता ने किसानों के समर्थन में एक ट्वीट किया था, जिसमें एक टूलकिट शामिल थी। इस टूलकिट के तहत किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को घेरने और भारत देश को बदनाम करने की साजिश रची गई थी। हालांकि, बाद में ये टूलकिट वाला ट्वीट डिलीट कर दिया गया और फिर एक अन्य टूलकिट जारी किया। इसके बाद इसका खुलासा हुआ जिसको लेकर बवाल मच गया।

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