घाटी में मुडभेड़ः सुरक्षाबलों ने ढ़ेर किए दो आतंकी

श्रीनगर। श्रीनगर। घाटी में आतंकियों के लगातार बुरे दिन जारी है। जम्मू ओर कश्मीर में भारतीय सेना का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट दोबारा चालू होने के बाद एक बार फिर रंग में आता दिख रहा है। आतंकी संगठन लगातार मारे जा रहे अपने आतंकियों के कारण खौफ में जाते दिख रहे है। सोपोर इलाके में आज सुबह से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें भारतीय सेना ने दो आतंकियों को ढ़ेर करने में सफलता हासिल की है। मुठभेड़ सोपोर जिले के द्रुसु गांव में हुई, जहां सुरक्षा बलों ने सुबह आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया था। सुरक्षा बलों को इलाके में आतंकी गतिविधियों की सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्‍होंने इलाके में दबिश दी।

 

बताया जा रहा है कि इलाके में दो आतंकी छिपे होने की सूचना दी। इसके चलतेे आसपास के क्षेेत्र की घेराबंंदी कर दी गई। साथ ही सुरक्षा बल इलाके में तलाशी अभियान भी चला रहे हैं। बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को मौके पर तैनात किया गया। दोनों ओर से फायरिंग की। यह मुठभेड़ सोपोर जिले के ड्रुसू गांव में हुई। बताया जा रहा है कि दोनों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने घेर रखा है। इस ऑपरेशन में 179 बटालियन सीआरपीएफ, 29 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल फोर्स शामिल हैं। बता दें कि गुरुवार को आतंकियों ने अनंतनाग के बराकपोरा स्थित जेएंडके बैंक की शाखा धावा बोल कर वहां तैनात सुरक्षा गार्ड से उसकी राइफल लूट कर फरार हो गए। सेना ने आतंकियों का पीछा करके 2 आतंकियों को मार गिराया। जम्मू और कश्मीर बैंक की शाखा में रोजाना की तरह कामकाज चल रहा था। दोपहर बाद कुछ नकाबपोश लोगों ने बैंक पर हमला कर दिया। इन लोगों ने बैंक में मौजूद लोगों को हथियारों के बल पर डरा-धमकाकर वहां तैनात सुरक्षागार्ड से उसकी राइफल छीन ली और फरार हो गए बराकपोरा के जंगलों में संदिग्धों को देख सेना ने उन्हें ललकारा तो आतंकियों ने जवाब में सेना पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। सेना ने भी आतंकियों की गोलीबारी का कड़ा जवाब दिया। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में 2 आतंकी मारे गए।

 

 

उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार गिर चुकी है। इस समय घाटी में गवर्नर राज लागू है। कई सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार प्रदेश में गवर्नर राज लागू होने के बाद वहां के हालात सुधरते दिख रहे है। पत्थरबाजी की घटनाओं में भी कमी आयी है। सूत्रों के अनुसार पत्थरबाज इस खौफ में हैं कि पकड़े जाने पर उनको बचाने वाले नेता भी सामने नहीं आ सकते है और ऊपर से सुरक्षाबलों और सेना के खुले हाथ उनपर दोहरा असर डाल रहे है।

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