लखनऊ। करवाचौथ…सैकड़ों सालों से मनाया जा रहा यह त्योहार हर बार अपने साथ कुछ नए रंग लेकर आता है। किसी के लिए पहले प्यार की नई-नई खुशबू लेकर तो किसी के लिए दशकों लम्बे साथ का दस्तावेज बनकर। कहीं आज भी परम्पराओं का बोलबाला है तो कहीं नएपन की बयार ने इसे भी अपने रंग में रंग दिया है…कलेवर कोई भी हो मगर अहसास एक ही रहता है और वो है मोहब्बत, जिंदगी रहने तक साथ निभाने का वादा, एक-दूसरे के लिए सम्मान…। रूमानी अहसास के इन्हीं खूबसूरत फूलों को एक गुलदस्ते में संजोती रिपोर्ट-
ताकि बढ़ती रहे हम दोनों की उम्र…
शेष्ठा-ऋषि
चार साल पहले बंधन में बंधा यह जोड़ा करवाचौथ का व्रत साथ में रखता है। किसी ने कहा नहीं, कभी जोर नहीं दिया लेकिन जब ऋषि ने शेष्ठा को अपने लिए व्रत करते देखा तो पहला ख्याल यही आया कि सिर्फ मेरी ही क्यों, हम दोनों की उम्र लम्बी होनी चाहिए ताकि यह साथ और प्यार हमेशा बना रहे।
दिव्या-शोभित
जिस तरह से इस जोड़े के बीच नोंकझोंक होती है, कोई देखे तो यही बोलेगा कि ये साथ कैसे रहते हैं मगर दोनों का रिश्ता कितना गहरा है यह तब पूरी शिद्दत से नजर आता है जब इन्हें एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की जरूरत होती है। अपने रिश्ते की इसी गहराई को दोनों करवाचौथ के बहाने और मजबूत करते हैं। एक-दूसरे के लिए व्रत रखकर लम्बी उम्र की दुआएं मांगते हैं ताकि प्यार और तकरार दोनों बनी रहे।
स्वाति-अरुण
शादी को लगभग 6-7 साल गुजर गए लेकिन इस जोड़े के रिश्ते में ताजगी आज भी वैसी ही जैसे नई-नई शादी में होती है। दोनों साथ मिलकर व्रत रखते हैं, त्योहार के सारे काम आपस में बांटते हैं और एक-दूसरे का चेहरा देखकर व्रत तोड़ते हैं। अरुण कहते हैं कि जब स्वाति पूरे मन से हमारा घर-संसार सजाने के लिए समर्पित है तो इतना तो मैं भी उसके लिए कर ही सकता हूं।
प्रीति-बृजेश
इस खूबसूरत से जोड़े की शादी को छह साल हुए हैं और दोनों करवाचौथ का व्रत सात साल यानी शादी के एक साल पहले से कर रहे हैं। दोनों कहते हैं कि हमारे रिश्ते की खूबसूरती यही है कि हम एक-दूसरे को पूरा सम्मान देते हैं। हमारा मानना है कि पति-पत्नी के लिए नियम अलग-अलग नहीं होने चाहिए। अगर साथ रहने का वादा किया है तो उम्र भी दोनों की लम्बी होनी चाहिए।