नई दिल्ली. कोरोना की रफ़्तार पर ज़रा सा ब्रेक क्या लगा कि नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल लोगों से पट गए. लोग यह भूल गए कि देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, पर्यटन स्थलों पर कोविड गाइडलाइंस का पालन न करा पाने पर उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर 18 अगस्त तक रोक लगा दी है.
चार धाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट के तेवर पहले भी कड़े थे. सरकार इस मामले में नर्मी दिखा रही थी क्योंकि वह यात्रा के पक्ष में थी. हाईकोर्ट ने चारधाम के ऑनलाइन दर्शन कराने की बात कही थी मगर सरकार इस पर अड़ी थी कि क्योंकि वेदों में इसका उल्लेख नहीं है इसलिए लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की जायेगी. उत्तराखंड सरकार हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गई.
सरकार और हाईकोर्ट के बीच फंसी चार धाम यात्रा लगातार चर्चा का मुद्दा बनी हुई है. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद हाईकोर्ट ने चार धाम यात्रा पर 18 अगस्त तक रोक लगा दी है. उत्तराखंड सरकार ने तो 28 जून को ही सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट को चुनौती दे दी थी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह इजाज़त दे दे तो पहली जुलाई से उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में रहने वालों के लिए यात्रा के लिए खोल दिया जाए.
हाईकोर्ट ने हालांकि यह कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग के ज़रिये लोगों को चारों धामों के दर्शन करवाए जाएं मगर न तो उत्तराखंड सरकार इसके लिए राजी हुई और न ही देवस्थानम बोर्ड ही इसके लिए तैयार हुआ. बोर्ड ने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की परम्पराओं को न तोड़ते हुए गर्भग्रह में होने वाली पूजा की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की जायेगी.