नई दिल्ली। आपकी नौकरी खतरे में है! पहले ही लड़खड़ा रही अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 ने तगड़ा प्रहार किया। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन यानी ILO का मानना है कि कोविड-19 की वजह से दुनिया का 81% वर्कफोर्स प्रभावित हुआ है। एशिया पैसिफिक क्षेत्र में ही इस साल 8.1 करोड़ लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी CMIE के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान भारत में कुल 2.1 करोड़ सैलरी वाले कर्मचारियों की नौकरी चली गई। इनमें से करीब 61 लाख 18 से 24 साल के युवा हैं। अगर असंगठित क्षेत्र को भी जोड़ लें रोजगार छिन जाने का आंकड़ा 12 करोड़ के पार चला जाता है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम यानी WEF की सालाना रिपोर्ट ‘Future of Jobs Report 2020’ के मुताबिक, अगले पांच साल में मशीनीकरण और टेक्नोलॉजी की वजह से 8.5 करोड़ नौकरियां खत्म हो जाएंगी। हालांकि, इस दौरान दुनिया में करीब 9.7 करोड़ नई नौकरियों का सृजन भी होगा। रिपोर्ट के मुताबिक नौकरियों के स्वरूप में जो बदलाव अगले 5 साल में होने थे उनकी रफ्तार 50% तक बढ़ गई है।
दुनिया के जाने-माने फ्यूचरिस्ट एल्विन टॉफलर कहते थे, ‘भविष्य बहुत जल्दी और उल्टे तरीके से आता है। ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम भविष्य को रोकें नहीं बल्कि, इसे आकार दें।’ वैश्विक मंदी और महामारी ने एकबार फिर भविष्य को जल्दी और गलत तरीके से हमारे सामने पेश कर दिया है। क्या हम इसे आकार देने के लिए तैयार हैं?
जॉब्स के बदलते स्वरूप के लिए जरूरी स्किल्स
महामारी के जवाब में कंपनियों ने टेक्नोलॉजी और मशीनीकरण की रफ्तार बढ़ा दी है। ऐसे में आपके अंदर कुछ ऐसी स्किल्स होनी चाहिए जिससे आप भविष्य की जरूरत बन जाओ। WEF और FICCI की रिपोर्ट के आधार पर हम यहां ऐसी 5 स्किल्स पेश कर रहे हैं जिनकी मांग आने वाले दिनों में बढ़ेगी।
- डेटा की समझः अलग-अलग तरह के डेटा की समझ हो, जिससे बदलते बिजनेस ट्रेंड और कस्टमर की जरूरतों को समझा जा सके। उन्हें पूरा किया जा सके।
- डिजिटल और कोडिंग स्किलः कोविड-19 के बाद 84% बिजनेस डिजिटल की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में जिसके पास ये स्किल होगी भविष्य में उसकी मांग बढ़ेगी।
- क्रिटिकल थिंकिंगः अगल-अलग सोर्स से जानकारी जुटाकर उसका इस्तेमाल अपने बिजनेस के फायदे के लिए कर लेना। ये स्किल इंसानों को मशीन से ज्यादा जरूरी बनाती है।
- क्रिएटिविटी और इनोवेशनः नए बिजनेस आइडिया और नए इनोवेशन को अपनाने का हुनर। ये दो ऐसी स्किल हैं जिसमें मशीनें इंसानों को मात नहीं दे सकती। इनकी मांग बढ़ेगी।
- टेक्नोलॉजी की समझः AI, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग को कंपनियां तेजी से अपना रही हैं। टेक्नोलॉजी ही फ्यूचर है और उनसे दोस्ती रखने वालों का भविष्य उज्जवल है।
मशीनों से जीत नहीं सकते तो दोस्ती कर लो
‘If you can’t beat them, join them.’ भविष्य में नौकरियों के संदर्भ में ये कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है। HCL टेक्नोलॉजी के सीईओ सी विजय कुमार का मानना है कि भविष्य को आकार देने में टेक्नोलॉजी सबसे जरूरी नहीं, फिर भी सबसे बड़ा रोल निभा रही हैं। इस स्थिति में मशीनों से दूरी बनाकर बच नहीं सकते, उनसे दोस्ती करनी ही पड़ेगी।
यूनाइटेड किंगडम में कोविड-19 का नया स्ट्रेन मिला है। जाहिर है कि महामारी का संकट बरकरार है। इस स्थिति में टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर के उबरने में लंबा वक्त लग सकता है, वहीं कुछ सेक्टर ऐसे भी हैं जिनमें अच्छी ग्रोथ दिखनी शुरू भी हो चुकी है। हम यहां 4 सेक्टर बता रहे हैं जहां आने वाले दो सालों में नौकरी के बेहतरीन मौके बन सकते हैं।
1. हेल्थकेयर सेक्टर
भारत का हेल्थकेयर बाजार करीब 280 बिलियन डॉलर का है। 2022 तक इसके 372 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है। हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश बढ़ेगा तो जाहिर है रोजगार भी बढ़ेगा। लेकिन नई नौकरियां सिर्फ पुरानी स्किल्स के दम पर नहीं मिलेगी।
WEF की रिपोर्ट के मुताबिक आने-वाले सालों में हेल्थकेयर सेक्टर में 10.6 प्रतिशत लोगों की नौकरी जाने का खतरा है। अगर इस सेक्टर में बने रहना है तो टेलिहेल्थ, डिजिटल हेल्थ, डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेडिकल टूरिज्म जैसे बदलते ट्रेंड के लिए जरूरी स्किल्स अपनानी होगी।
2. एजुकेशन सेक्टर
भारत में एजुकेशन सेक्टर करीब 110 बिलियन डॉलर का है। 2022 तक इसके 140 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। WEF की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले सालों में इस सेक्टर के 13.9 प्रतिशत लोगों की नौकरी जाने का खतरा है। कोविड-19 की वजह से एजुकेशन में टेक्नोलॉजी ने धमाकेदार दस्तक दी है। एडटेक कंपनियों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ई-लर्निंग हब बन गया है। इस सेक्टर में बने रहना है तो टेक्नोलॉजी और नई स्किल्स अपनानी होंगी।
3. इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
IT BPM सेक्टर में भारत ग्लोबल लीडर है। भारत में इसका बाजार करीब 191 बिलियन डॉलर का है। 2022 तक इसके 230 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस सेक्टर में करीब 39 लाख लोग काम करते हैं। 80 देशों में करीब 200 भारतीय आईटी फर्म मौजूद हैं।
WEF की रिपोर्ट के मुताबिक इस सेक्टर के करीब 17.5 प्रतिशत लोगों के नौकरी जाने का खतरा है। इस सेक्टर में क्लाउड कम्प्यूटिंग, बिग डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का चलन बढ़ रहा है। अगर यहां बने रहना है तो इससे जुड़ी स्किल्स को अपनाना ही पड़ेगा।
4. ऑटोमोटिव सेक्टर
भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऑटो मार्केट है। एक अनुमान के मुताबिक 2021 तक यह जापान को भी पीछे छोड़ के दुनिया में तीसरे नंबर पर आ जाएगा। भारत में कम कीमत में स्टील, सस्ता लेबर और अच्छी रिसर्च की वजह से ऑटो कंपनियां आकर्षित हो रही हैं।
WEF की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेक्टर में 19.1 प्रतिशत लोगों की नौकरी जाने का खतरा है। इस सेक्टर का फोकस बिग डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी, इंटरनेट ऑफ थिग्स, क्लाउड कंप्यूटिंग की तरफ बढ़ रहा है। भविष्य में इससे जुड़ी स्किल्स रखने वाले लोगों की मांग बढ़ेगी।
अर्थशास्त्री मिहिर शर्मा का मानना है कि मशीनीकरण से पिछले 200 सालों में ब्लू कॉलर जॉब पर संकट आता रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने अब व्हाइट कॉलर जॉब जैसे लॉ फर्म में काम करने वाले, मीडिया हाउस में काम करने वालों की नौकरी पर भी संकट ला दिया है। आने वाले दिनों में ज्यादा स्किल्ड और वैल्यू एडेड वर्कफोर्स की मांग बढ़ेगी। जो ‘फिटेस्ट’ होगा, यानी जो लोग बदले माहौल के अनुकूल सीखने के लिए तैयार होंगे, उनकी जिंदगी बेहतर होगी।