नई दिल्ली। भारतीयों की चीनी ऐप्स पर निर्भरता जल्द खत्म होने वाली है। दरअसल पीएम मोदी की 4 मई की अपील के बाद भारतीयों ने काफी संख्या में आत्मनिर्भर भारत ऐप चैलेंज के लिए ऐप्स डिजाइन किए हैं। चैलेंज के आखिरी दिन 26 जुलाई तक कुल 6,940 ऐप्स को रजिस्टर्ड कराया गया है। इसमें कुछ व्यक्तिगत और कुछ बतौर एक कंपनी के तौर पर लिस्ट कराए गए हैं। इनमे से कई सारे ऐप पहले से इस्तेमाल में है।
इसमें से करीब 3000 मेड इन इंडिया ऐप्स पूरी तरह से बनकर तैयार हैं, जिन्हें जल्द भारत सरकार से इजाज़त मिलने के बाद लॉन्च किया जा सकता है। आत्म निर्भर भारत चैलेंज के लिए कुल रजिस्टर्ड ऐप्स में से करीब 3939 व्यक्तिगत और 3001 ऑर्गेनाइजेशन और कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड हुए हैं।
2000 स्वदेशी ऐप्स की जल्द हो सकती है लॉन्चिंग व्यक्तिगत तौर रजिस्टर्ड 3939 ऐप्स में से करीब 1757 ऐप्स रेडी टू यूज हैं, जबकि 2182 ऐप्स पर काम चल रहा है। वहीं चैलेंज के लिए बतौर ऑर्गेनाइजेशन के तौर पर लिस्ट ऐप्स में से 1742 ऐप्स पहले से पूरी तरह बने हुए हैं, जबकि 1259 ऐप पर काम चल रहा है। आत्म निर्भर भारत चैलेंज के लिए बिजनेस, हेल्थ एंड वेलनेस, ई-लर्निंग, सोशल नेटवर्किंग, गेम, एंटरटेनमेंट और वर्क फ्रॉम होम कैटेगरी के तहत रजिस्ट्रेशन मांगे गए थे। ऐसे में बिजनेस में 1142, हेल्थ वेलनेस 901, ई-लर्निंग 1062, सोशल नेटवर्किंग 1155, गेम्स 662, वर्क फ्रॉम होम 237 और एंटरटेनमेंट 320 रजिस्ट्रेशन आए हैं, जबकि अन्य कैटेगरी के तहत 1135 रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
आत्म निर्भर भारत ऐप चैलेंस के हर कैटेगरी के टॉप-8 लोगों को अवार्ड के तौर पर 20 लाख रुपए मिलेंगे। ऐप को ईज ऑफ यूज, सिक्योरिटी, फीचर्स जैसे पैमानों पर जांचा जाएगा। ज्यूरी इन ऐप्स की जांच 27 अगस्त से 3 अगस्त के बीच करेगी। इसके बाद चैलेंज के फाइनल विनर का ऐलान 7 अगस्त को होगा।