नई दिल्ली। चीनी नौसेना ने अपने युद्धपोत कराची में तैनात किये हैं। उनकी सुरक्षा में पाकिस्तानी नौसेना ने अपनी एक पनडुब्बी को लगाई है। पहले दुनिया को झुठलाने के लिए कहा गया था कि चीनी युद्धपोतों के साथ उनकी पनडुब्बी भी आई है लेकिन अब सेटेलाइट की तस्वीरों ने एक बार फिर पाकिस्तान को बेनकाब किया है कि चीनी युद्धपोतों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था।
इससे यह भी साफ है कि चीन या पाकिस्तान अकेले अपने दम पर भारत से लड़ने में सक्षम नहीं है, शायद इसीलिए भारत के खिलाफ गठजोड़ करने में जुटे हैं लेकिन भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वह टू-फ्रंट वॉर यानि दोनों मोर्चों पर लड़ने के लिए तैयार है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी सेना और सरकार को चीन और पाकिस्तान के इस सैन्य-गठजोड़ के बारे में आगाह किया है।
पाकिस्तानी नौसेना ने हाल में ही अपनी एक पनडुब्बी को चीनी नौसेना के युद्धपोतों के बीच कराची में तैनात किया था। हाल में ही ली गई सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीनी युद्धपोतों की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अगोस्टा-19 बी टाइप की डीजल इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था। फ्रांसीसी मूल की इस पनडुब्बी से परमाणु मिसाइल बाबर-3 को लॉन्च किया जा सकता है।
पाकिस्तान और चीनी नौसेनाओं के इस गठजोड़ से भारत की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है। हालांकि पहले दावा किया गया था कि चीन के युद्धपोतों के साथ उसकी पनडुब्बी भी पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पहुंची हैं लेकिन अब सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीनी युद्धपोतों की रक्षा के लिए पाकिस्तान ने अपनी अटैक पनडुब्बी को तैनात किया था। दरअसल अगोस्टा-19 बी टाइप की डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी का संचालन एशिया में केवल पाकिस्तान और मलेशिया ही करते हैं।
बीजिंग के सेना हेडक्वार्टर में पाकिस्तान का सैन्य अधिकारी तैनात
खुफिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल ही में पाकिस्तानी सेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीजिंग का दौरा किया था। इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को कॉम्बेट ड्रोन (अटैक ड्रोन) और लॉन्ग रेंज मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने का वादा किया है। यह इस टीम की दूसरी चीन यात्रा थी। इससे पहले दिसम्बर, 2019 में भी पाकिस्तान की टीम यूसीएवी ड्रोन्स की पहले खेप के लिए चीन गई थी।
इतना ही नहीं खुफिया रिपोर्ट में इस बात का ख़ुलासा हुआ है कि हाल ही में पाकिस्तान ने अपनी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को बीजिंग स्थित पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) सेना के हेडक्वार्टर में तैनात किया है, ताकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क और सहयोग बढ़ाया जा सके। ऐसा बहुत कम होता है कि किसी एक देश के सैन्य अधिकारी की तैनाती दूसरे देश के सेना मुख्यालय में की जाए, लेकिन ऐसा किये जाने का साफ सन्देश है कि पाकिस्तान सेना का चीनी सेना और वायु सेना के बीच सहयोग अब एकीकरण में बदल गया है ताकि पाक-चीन के सैन्य गठजोड़ को और मजबूती दी जा सके।
चीन से युआन क्लास की 8 पनडुब्बी खरीद रहा पाकिस्तान
पाकिस्तानी नौसेना अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए चीनी डिजाइन पर आधारित टाइप 039 बी युआन क्लास की पनडुब्बी खरीद रही है। डीजल इलेक्ट्रिक चीन की यह पनडुब्बी पाकिस्तान की नौसैनिक ताकत में इजाफा करने में सक्षम है। इसमें एंटी शिप क्रूज मिसाइल लगी होती हैं। यह पनडुब्बी एयर इंडिपैंडेंट प्रपल्शन सिस्टम के कारण कम आवाज पैदा करती है, जिससे इसे पानी के नीचे पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।
पाकिस्तान फ्रांस में बने हुए अगोस्टा-19 बी टाइप की पांच पनडुब्बियों को संचालित करता है। इनमें से तीन तीन एयर इंडिपेंडेंट पॉवर के साथ अपग्रेड की गई हैं। ये पनडुब्बियां पाकिस्तानी नौसेना के के शस्त्रागार में सबसे शक्तिशाली और आधुनिक है। इन पनडुब्बियों को आधुनिक लड़ाकू सिस्टम और AS-39 एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल से लैस किया गया है। इसके अलावा इस क्लास की पनडुब्बियां परमाणु मिसाइल बाबर-3 को लॉन्च करने में सक्षम हैं।
चीन पाकिस्तान को दे रहा है आर्म्ड-यूएवी यानि कॉम्बेट ड्रोन
भारत की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन पाकिस्तान को सीएच-4 यूसीएवी यानि अनमैंड कॉम्बेट एरियल व्हीकल देने जा रहा है। इन ‘चांग-होंग’ आर्मड-ड्रोन को चीन इसी साल पाकिस्तान को सौंपना शुरू कर सकता है। चीन के ये आर्म्ड-ड्रोन, बम और मिसाइलों से लैस हैं और गोलाबारी के जरिए हमला कर सकते हैं। यह ड्रोन ठीक वैसे हैं जैसे अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकी संगठन अल-कायदा के खिलाफ इस्तेमाल किए थे।
यह भी खुलासा हुआ है कि चीन से पाकिस्तान जैमिंग टारगेट ड्रोन भी खरीदने जा रहा है। यह ड्रोन किसी भी देश के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से लेकर फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर्स को जाम कर सकते हैं। साथ ही पाकिस्तान चीन से एंटी जैमिंग फिक्स्ड टारगेट भी ले रहा है।