नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की चुनौती का सामना करने के लिए भारत और अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि चीन की इस हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
भारत-अमेरिका व्यापार परिषद की ओर से आयोजित भारत विचार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत के साथ अपने सामरिक और व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को चीन के साथ व्यापार और उस पर निर्भरता को कम करना चाहिए।
भारत के लिए यह अवसर है कि वह अपने सामानों की आपूर्ति के लिए चीन का विकल्प खोजे तथा दूरसंचार, चिकित्सा सामग्री और अन्य क्षेत्रों में चीन कंपनियों पर अपनी निर्भरता कम करे। भारत ऐसा कर सकता है क्योंकि आज उसे अमेरिका जैसे अनेक देशों का विश्वास हासिल है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने टिकटॉक सहत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के भारत सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह ऐप भारत के लोगों के लिए गंभीर सुरक्षा चुनौती पेश कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत इंडो-पेसिफिक सहित दुनिया के अन्य क्षेत्रों में अमेरिका के रक्षा सहयोगी के रूप में उभर रहा है।
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हो रहे इस सम्मेलन में माइक पोम्पियो ने कहा कि भारत इंडो-पेसिफिक (भारत-प्रशांत) क्षेत्र में अमेरिका का उभरता हुआ रक्षा सहयोगी है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे पुराने और समृद्ध लोकतांत्रिक देश हैं। यह जरूरी है कि दोनों के बीच सहयोग हो।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में अमेरिका में आयोजित होने वाली सात बड़े देशों की संस्था जी-7 में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में दुनिया में विकास और समृद्धि के एजेंडे पर चर्चा होगी।