नई दिल्ली। सीमा पर चीन अपनी सीनाजोरी से बाज नहीं आ रहा। एक तरफ बातचीत में ‘डिसएंगेजमेंट’ पर राजी हो जाता है। दूसरी तरफ, बॉर्डर पर अपनी स्ट्रेन्थ को और बढ़ा रहा है। चीन का यह दोहरा रवैया भारत के गले नहीं उतर रहा। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने दो-टूक कहा है कि भारत चीन से डरने वाला नहीं है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि ‘हमें वही भाषा बोलनी चाहिए तो उनको (चीन) समझ आती है।’ धमकी भरे लहजे में चौधरी ने कहा कि ‘हमारे शस्त्रागार अंडे देने के लिए नहीं हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के बयानों के बावजूद, लद्दाख बॉर्डर पर तनाव बरकरार है। उन्होंने कहा कि ‘चीनी घुसपैठ खत्म होने का नाम नहीं ले रही। चीन ने एग्रेशन दिखाया है। आम आदमी के मन में इसको लेकर बेचैनी है। हमारी सेना के जवान चीनी घुसपैठियों को वापस खदेड़ने में सक्षम हैं।’
चौधरी ने कहा, “सरकार डिप्लोमेटिक तरीके से मसला सुलझाना चाहती है। कोई आपत्ति नहीं, लेकिन हालात खराब हो रहे हैं। चीन हमें डराना चाहता है मगर हम डरने वालों में से नहीं हैं। हमें वही भाषा बोलनी चाहिए जो वो समझते हैं। हमने अंडे देने के लिए आर्सेनल (शस्त्रागार) नहीं बनाया है।”
चौधरी ने डिमांड की कि जब संसद सत्र शुरू हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करें और वर्तमान हालात के बारे में बताएं। उन्होंने कहा, “देश प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है, अपने बहादुर जवानों के साथ खड़ा है… चीन ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक घुसपैठ की है, यह बड़ी चिंता की बात है।”
PP14 पर लौट आए हैं चीनी सैनिक
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिक गलवान घाटी में पैट्रोल पॉइंट 14 पर लौट आए हैं। इसी जगह 15-16 जून की रात को बिहार रेजिमेंट के जवानों ने चीनी सेना का टेंट उखाड़ दिया था। इसके बाद, दोनों सेनाओं में हिंसक झड़प हुई और यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे।
विभिन्न रिपोर्ट्स में कमांडर समेत 43 चीनी सैनिक मारे जाने का दावा है। पैट्रोल पॉइंट 14 पर चीनी सैनिकों ने फिर से टेंट लगा लिया है। चीनी सैनिक भारी दल बल के साथ लौटे हैं। यह दोनों देशों के बीच बनी सहमति का सरासर उल्लंघन हैं जिसमें दोनों पक्ष सेनाएं पीछे करने पर सहमत हुए थे।
चीन को नहीं किसी समझौते की फिक्र
22 जून को भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर की 11 घंटे लंबी बैठक के दौरान ‘डिसएंगेजमेंट’ पर आपसी सहमति बनी थी। दोनों देशों की सेनाओं के कॉर्प्स कमांडर सीमा मुद्दे को सुलझाने और पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए मोलदो में मिले थे। छह जून की पहली बैठक के बाद यह दूसरी बैठक थी। पहली बैठक 14 कॉर्प्स कमांडर लेफिटनेंट जनरल हरिंदर सिंह और दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ मेजर जनरल लियु लिन के बीच हुई थी।