चीन में तलाक पर बहस: जज ने कहा- महिला ने घर के काम किए, 5 लाख रु मुआवजा दें

बीजिंग। चीन में तलाक के एक केस में फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर कोर्ट की खूब किरकिरी हो रही है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि शादी के बाद महिला ने पति के घर में पांच साल काम किया है, इसलिए उसे 5 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर मिलने चाहिए।

इस फैसले को लेकर चीन के लोग सोशल मीडिया पर कोर्ट का खूब मजाक उड़ा रहे हैं। लोगों ने कहा कि, जज साहब.. इससे ज्यादा तो घर की आया ले लेती है। आपने महिलाओं के जीवन को क्या इतना सस्ता समझ लिया है?

सोशल मीडिया पर इस तरह निकाली भड़ास
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने कहा, ‘महज आधे साल के लिए एक फुल टाइम आया इससे ज्यादा पैसा लेगी, क्या महिलाओं का जीवन इतना सस्ता है? एक घरेलू सहायिका की भी सालाना आय 10 हजार युआन से ज्यादा होती है। इस लिहाज से मुआवजे की राशि काफी कम है।’

एक दूसरे यूजर ने लिखा, ‘महिलाओं को कभी भी पत्नी के तौर पर घर पर नहीं रहना चाहिए, जब आपका तलाक होगा तो आपके पास कुछ नहीं होगा। घर का काम करने के बदले महज 50 हजार युआन बकवास है।’

हालांकि कोर्ट ने कहा है कि उन्होंने पति को जितने भी पैसे देने के आदेश दिए हैं, वो उसकी कमाई को ध्यान में रखते हुए दिए हैं।

कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि, इस साल लागू होने वाले देश के नए सिविल कोड के मुताबिक, तलाक लेने वाले दंपति में से किसी ने अगर घर की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली है, तो उसे इसके लिए मुआवजा लेने का अधिकार है। यहां वांग नामक महिला ने अपने पति चेन को तलाक दिया है।

महिला ने 17 लाख रुपए मुआवजे की मांग की थी
पति को तलाक देने वाली वांग नाम की महिला ने अदालत में साफ कहा है कि पांच साल तक चली उनकी शादी में वही बच्चे की देखभाल करती थी। घर का सारा काम भी उन्हें ही संभालना पड़ता था। जबकि उनके पति चेन नौकरी पर जाने के अलावा घर का कोई काम नहीं करते थे। इसलिए उन्हें 17 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर मिलने चाहिए।

वांग ने घर का काम करने और बच्चे को संभालने के लिए ज्यादा मुआवजे की मांग की थी। जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि वांग को घर का काम करने के लिए 50 हजार युआन (7700 डॉलर), बच्चे की कस्टडी और अतिरिक्त 2000 युआन हर महीने मिलेंगे।

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