नई दिल्ली। मार्च महीने ने लोगों को पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से थोड़ी राहत दी है। कई लोगों का मानना है कि 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले देश में पिछले कई दिनों से पेट्रोल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। ऐसे में चुनाव के बाद इनके दामों में फिर बढ़ोतरी हो सकती है। 27 फरवरी को आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े थे।
फरवरी में 16 बार बढ़े थे दाम
फरवरी में पेट्रोल-डीजल के रेट में 16 बार बढ़ोतरी हुई थी। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 4.77 रुपए और डीजल 4.99 रुपए महंगा हुआ है। इससे पहले जनवरी में रेट 10 बार बढ़े। इस दौरान पेट्रोल की कीमत में 2.59 रुपए और डीजल में 2.61 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी। जनवरी और फरवरी में मिलाकर पेट्रोल 7.36 रुपए और डीजल 7.60 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ।
केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर वसूलती हैं भारी भरकम टैक्स
पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइज पर जो अभी 32 रुपए के करीब है, इस पर केंद्र सरकार 33 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं, जिसके बाद इनका दाम बेस प्राइज से 3 गुना तक बढ़ गया है।
दिल्ली और महाराष्ट्र ने इन्हें GST के दायरे में लाने की मांग की
दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की मांग की है। महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार ने कहा कि अगर पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है तो राज्य सरकारों के साथ साथ केंद्र को भी फायदा पहुंचेगा।
GST लागू होने से पेट्रोल घटकर 75 और डीजल 68 रुपए पर आ सकता है
SBI के अर्थशास्त्रियों के अनुसार देशभर में पेट्रोल का दाम घटकर 75 रुपए और डीजल 68 रुपए प्रति लीटर पर आ सकता है। इसके लिए इसको गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) के दायरे में लाना होगा। लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में ये काफी महंगे बने हुए हैं। मौजूदा कर व्यवस्था में हर राज्य अपने हिसाब से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाता है और केंद्र अपनी ड्यूटी और सेस अलग से वसूल करता है।
ब्रेंट क्रूड 70 डॉलर प्रति बैरल के अंदर आया
शनिवार 13 मार्च को ब्रेंट क्रूड 69.18 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया है। कुछ दिनों पहले ही क्रूड 71 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया था। वहीं अगर बीते 1 महीने की बात करें तो 13 फरवरी को ब्रेंट क्रूड 63 डॉलर प्रति बैरल था।
अब तक 5 राज्यों ने टैक्स में कटौती की
अब तक पांच राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स में कटौती कर चुकी हैं। इन राज्यों में राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और नागालैंड शामिल हैं। पेट्रोलियम और नेचरल गैस मिनिस्ट्री ने कुछ दिनों पहले ही यह साफ कर दिया था कि सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स में कोई कटौती नहीं करेगी। ऐसे में राज्य अपने स्तर पर लोगों को राहत दे रहे हैं।
2014 में ब्रेंट क्रूड 106 डॉलर प्रति बैरल था जो अभी 69 पर है
मई 2014 में जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने, तब कच्चे तेल की कीमत 106.85 डॉलर प्रति बैरल थी। तब पेट्रोल 71.41 रु. और डीजल 56.71 रु./लीटर बिक रहा था। वहीं अभी कच्चे तेल की कीमत 69 डॉलर प्रति बैरल पर है। लेकिन इसके बावजूद भी पेट्रोल के दाम घटने के बजाए बढ़कर 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गए हैं। यानी, मनमोहन सरकार जाने के बाद से कच्चे तेल की कीमतें कम हुई हैं। लेकिन पेट्रोल-डीजल महंगे हुए हैं।