मुंबई। पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर में होम मिनिस्टर पर लगाए आरोपों को लेकर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने गवर्नर से मुलाकात की है। देवेंद्र फडणवीस बुधवार को सुबह बीजेपी के कई नेताओं के साथ गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल से मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा कि यह दुख की बात है कि पूरे मामले पर सीएम उद्धव ठाकरे चुप हैं। शरद पवार ने दो दिन तक बचाव किया है, जबकि कांग्रेस अस्तित्व में नहीं दिख रही है। उन्होंने एक बार फिर से महाविकास अघाड़ी सरकार को महावसूली सरकार करार दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह से चुप्पी बरती है, उसे बताना चाहिए कि उसे इसके लिए कितना हिस्सा मिला है। उन्होंने कहा कि हमने गवर्नर के सामने पूरा मामला रखा है। हमें उम्मीद है कि इस मसले पर गवर्नर को बात करनी चाहिए और सीएम से पूछना चाहिए कि आखिर उन्होंने इस पर क्या कार्रवाई की है। होम मिनिस्टर अनिल देशमुख पर पूर्व कमिश्नर की ओर से लगाए आरोपों के बाद से बीजेपी सूबे की गठबंधन सरकार पर हमलावर है और इस्तीफे की मांग कर रही है।
पूर्व पुलिस कमिश्नर ने सीएम को लिखे अपने एक लेटर में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख की ओर से मुंबई पुलिस को महीने में 100 करोड़ रुपये की उगाही करने का टारगेट दिया गया था। बता दें कि परमबीर सिंह का मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से ट्रांसफर कर दिया गया है और अब वह डीजी होमगार्ड्स की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
आज परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपने ट्रांसफर को चुनौती देते हुए अर्जी दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में आज परमबीर की अर्जी पर सुनवाई हो सकती है। ऐसे में शीर्ष अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा कि राज्य में आगे राजनीतिक घटनाक्रम क्या हो सकता है। बता दें कि एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने लगातार दो दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनिल देशमुख का बचाव किया था। सोमवार को उन्होंने एक अस्पताल का पर्चा दिखाते हुए कहा था कि अनिल देशमुख अस्पताल में एडमिट थे। हालांकि इस पर भी उस वक्त विवाद हो गया, जब उनका 15 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो सामने आया।
बीजेपी का आरोप, आइसोलेशन में नहीं थे देशमुख
यही नहीं अनिल देशमुख ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि शरद पवार के मुंह से झूठ बुलवाया गया। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने कहा कि 16 से 27 फरवरी के दौरान अनिल देशमुख आइसोलेशन में थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस दौरान वह एक गेस्ट हाउस में गए थे और अपने घर पर अफसरों से मिलते रहे थे। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली जाकर गृह सचिव से मुलाकात की थी और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।