लखनऊ। राजधानी में गोमतीनगर विस्तार थाने के लॉकअप में 25 वर्षीय उमेश ने फांसी लगा ली। बीती रात स्थानीय लोगों ने उसे चोरी के आरोप में पकड़कर पुलिस को सौंपा था। उमेश को फंदे पर लटकता देख पुलिसकर्मियों के हाथ पांव फूल गए। आननफानन में उसे लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कार्यवाहक पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में थाने के एडिशनल इंस्पेक्टर, नाईट अफसर, हेड कांस्टेबल और पहरा ड्यूटी पर तैनात सिपाही को निलंबित करने के साथ ही जांच के आदेश दिए हैं।
एडीसीपी अमित कुमार ने बताया कि उमेश मूलतः सीतापुर का रहने वाला है। गुरुवार देर रात वह कौशलपुरी इलाके में एक मकान में चोरी करने के इरादे से घुसा था। इस बीच खटपट की आवाज़ सुनकर घरवालों की नींद खुल गयी। परिवार के शोर मचाने पर उमेश ने भागने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे घेरकर पकड़ लिया। कंट्रोल रूम की सूचना पर पहुंची पुलिस उसे पकड़ कर गोमतीनगर विस्तार थाने ले आयी, जहां उसे लॉकअप में रखा गया था। शुक्रवार सुबह पुलिस उमेश की गिरफ्तारी की लिखापढ़ी कर रही थी। इस बीच उसने लॉकअप में रोशनदान से बेल्ट के सहारे फांसी लगा ली।
पुलिस कस्टडी में आरोपी के सुसाइड करने से पुलिस कर्मी सकपका गए। कार्यवाहक इंस्पेक्टर बृजेश यादव का कहना है कि उमेश को तुरंत फंदे से उतार कर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। वहीं, लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उसे मृत अवस्था में लाया गया था।
नियमानुसार किसी भी आरोपी को हवालात में रखने से पहले उसकी ठीक से तलाशी ली जाती है। इस दौरान आरोपी की बेल्ट, गमछा, पर्स आदि सामान उतरवा लिया जाता है। लेकिन, पुलिस उमेश की बेल्ट उतरवाना भूल गयी और उसने इसी के सहारे फांसी लगा ली। एसीपी ने इस लापरवाही के जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपार्ट भेजी है। पुलिस कमिश्नर ने चार पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।