लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने गुरुवार को विधान परिषद सत्र में दावा किया था कि प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं है। हालांकि, दूसरी लहर में मौत की सुनामी से कौन वाकिफ नहीं है? मंत्री जी, आज हम आपको सरकार के ऐसे मंत्री और पार्टी से जु़ड़े ऐसे नेताओं से रूबरू करवाएंगे, जिन्होंने लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से जान गंवाई थी।
पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बेटी और पत्नी की कोविड से मौत
साल 2014 में वाराणसी संसदीय क्षेत्र से पीएम मोदी के प्रस्तावक रहे पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा की पत्नी मनोरमा मिश्रा (76) की 26 अप्रैल को कोरोना से मौत हो गई। उसके कुछ दिन बाद एक मई को उनकी बड़ी बेटी संगीता की मौत मैदागिन इलाके में स्थित कोविड अस्पताल में हो गई। मौत के दो दिन बाद भी जब अस्पताल की ओर से संगीता की जांच की पूरी डिटेल्स परिजनों को नहीं मिली, तो पंडित छन्नूलाल की छोटी बेटी नम्रता ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था।
केंद्रीय मंत्री के भाई की कोविड से मौत
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के भाई की कोरोना से मौत हो गई थी और दूसरे भाई की हालत गंभीर थी। उस वक्त स्थानीय बीजेपी नेताओं ने ट्ववीट कर भाजपा सरकार को घेरा था और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी थी।
चरथावल विधानसभा के विधायक की कोविड से मौत
मुजफ्फरनगर के चरथावल विधानसभा क्षेत्र से विधायक विजय कश्यप की भी कोरोना की दूसरी लहर में मौत हो गई थी। उनकी मौत पर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी, दोनों ने ट्ववीट कर दुख जताया था। बीजेपी नेता की मौत पर स्थानीय नेता ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था।
भदोही से बीजेपी नेता की कोरोना से मौत
उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद में बीजेपी (BJP) के जिला महामंत्री लाल बहादुर मौर्या का निधन हो गया। वह कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) थे। परिजनों ने बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर (MLA Deenanath Bhaskar) से शिकायत की थी कि अस्पताल में कई बार कहने के बाद भी मरीज को न तो आईसीयू में ले गए और न रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया गया। मामला गंभीर होने पर विधायक दीनानाथ भास्कर ने मुख्यमंत्री को मामले की जांच कराने को लेकर पत्र भेजा था।
विधायक पुत्र ने पिता की मौत पर योगी सरकार पर साधा था निशाना
बरेली की नवाबगंज सीट से भाजपा विधायक केसर सिंह गंगवार का इलाज के अभाव में कोरोना से निधन हो गया था। कोरोना संक्रमित भाजपा विधायक केसर सिंह का नोएडा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनकी मौत के बाद नवाबगंज से विधायक केसर सिंह गंगवार के पुत्र ने भी उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल खड़ा किया था। विधायक पुत्र ने कहा ”यूपी सरकार अपने ही विधायक का ही इलाज नहीं करा पा रही है, मुख्यमंत्री कार्यालय पर बार-बार कॉल करने पर भी कोई फोन नहीं उठ रहा है, विधायक पुत्र विशाल गंगवार ने तब लिखा था, ”धन्य है यूपी सरकार और धन्य हैं मोदी जी”।
मशहूर साहित्यकार की बेड के अभाव में मौत
मशहूर साहित्यकार नरेंद्र कोहली का निधन कोविड की दूसरी लहर में इलाज के अभाव में हो गया। उनकी मौत वेंटिलेटर पर हो गई, उनको अस्पताल का बेड तक नहीं नसीब हुआ। कोहली पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित थे।
ये अन्य नेता जिनकी इलाज के अभाव में हुई मौत
सालोन से विधायक दल बहादुर कोरी, नवाबगंज के विधायक केसर सिंह गंगवार, औरैया से विधायक रमेश दिवाकर और पश्चिमी लखनऊ से सुरेश कुमार श्रीवास्तव का कोरोना से निधन हो गया था।