जज बोलीं- पुरुषों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराना होता है कष्टकारी और अपमानजनक

सहारनपुर। खलासी लाइन की एक महिला ने 27 फरवरी 2020 को ससुरालियों पर दहेज उत्पीड़न और छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, महिला बाद में मुकर गई। इस पर अदालत ने जांच कराई, तो मुकदमा झूठा पाया गया। न्यायाधीश कल्पना पांडेय ने वादी महिला को तीन महा की कैद और 400 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।

ससुरालियों पर कराई थी झूठी रिपोर्ट दर्ज

वादी महिला के मुकरने के बाद कोर्ट ने मामले की जांच कराई। जांच में साबित हुआ कि महिला झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। न्यायाधीश कल्पना पांडेय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जिस तरह से दुष्कर्म की घटना एक महिला के लिए अत्यंत कष्टकारी, अपमानजनक होती है। उसी तरह से दुष्कर्म का किसी पुरुष पर झूठा आरोप लगाना भी अभियुक्त के लिए कष्टदायक होता है। पुरुष का भी अपमान होता है। सहारनपुर जिले में इस तरह का यह पहला मामला है, जब एक महिला को झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के आरोप में सजा सुनाई गई है।

शादी के एक दिन बाद ही करा दिया था मुकदमा दर्ज

थाना सदर बाजार के खलासी लाइन की रहने वाली महिला की शादी 26 फरवरी 2020 को देहरादून के गोपाल से हुई थी। महिला ने शादी से अगले दिन ही जेठ पर छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया था। पति, ननद और सास ने उससे अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर महिला ने सदर बाजार थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था। उसके पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के बयान कराए थे। उसने दर्ज मुकदमे के आधार पर ही अपने बयान दिए। पुलिस ने मामले में चार्जशीट पेश की।

पुलिस के दबाव में दिए थे बयान

कोर्ट में मुकदमा विचारण पर आया, तो महिला ने अपने सभी आरोप से मुकर गई। महिला ने अदालत में कहा कि उसने मजिस्ट्रेट के सामने जो 164 के बयान दिए थे, वे पुलिस के दबाव में दिए थे। कोर्ट को महिला की इन बातों पर भरोसा नहीं हुआ। कोर्ट ने पूरे मामले की दोबारा से जांच कराई। जांच रिपोर्ट आई तो पता चला कि महिला ने झूठी रिपोर्ट कराई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर महिला को दोषी मानते हुए कोई ने छह माह की सजा सुनाई है।

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