नई दिल्ली। आज ही के दिन 2011 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच चेन्नई में वर्ल्ड कप का अहम मुकाबला खेला गया था। भारतीय टीम अपने पिछला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हारकर आई थी और इस मैच में भी मुश्किल स्थिति में थी। टीम को यहां से संभाला उस वर्ल्ड कप के हीरो युवराज सिंह ने और अपने करियर का सबसे मुश्किल शतक लगाते हुए टीम को जीत दिलाई।
भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था और शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी। भारत ने 51 के स्कोर तक सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर के विकेट गंवा दिए थे। यहां से विराट कोहली और युवराज सिंह ने भारतीय पारी को संभालते हुए स्कोर को 150 के पार लेकर गए। कोहली 59 रन बनाकर 173 के स्कोर पर आउट हो गए थे। हालांकि युवराज सिंह ने एक छोर संभाले रखा और इस बीच धोनी का भी उन्हें अच्छा साथ मिला। युवराज सिंह ने 123 गेंदों में 10 चौके और 2 छक्कों की मदद से 113 रन बनाए और 240 के स्कोर पर वो छठे विकेट के रूप में आउट हुए।
हालांकि यह शतक काफी खास था और युवराज सिंह के लिए यह पारी बिल्कुल भी आसान नहीं थी। युवी को मैच के दौरान काफी मुश्किलों में देखा गया था, वो बीमार नजर आ रहे थे और साथ ही में उन्हें कई बार उल्टी करते हुए भी देखा गया। युवराज सिंह फिर भी मैदान से बाहर नहीं गए और खेलना जारी रखते हुए बेहतरीन शतक लगाया। युवी की शतकीय पारी की बदौलत भारत ने 268 रनों का स्कोर खड़ा किया।
युवराज सिंह की हालत को देखते हुए अंपायर साइमन टॉफेल ने बाहर जाने को लेकर पूछा, इसके बारे में युवी ने अपनी किताब ‘The Test Of My Life’ में कहा मैंने साइमन से कहा कि मैं बाहर नहीं जाने वाला हूं। मैं दो साल बाद शतक के करीब हूं, तो मैं अगर गिरकर बेहोश हो गया, तभी मुझे हॉस्पिटल लेकर जाना। मैं तबतक कही नहीं जाने वाला। मैं आउट होने तक रुकने वाला हूं। मैंने 113 रन बनाए और हमने 268 रन बनाए। मुझे यकीन था कि हम इस स्कोर का बचाव कर लेंगे।”
भारत ने इस स्कोर को आसानी से डिफेंड कर लिया और वेस्टइंडीज की टीम को 43 ओवर में 188 के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया। युवी ने गेंद के साथ भी जबरदस्त प्रदर्शन किया और 4 ओवर में 18 रन देकर दो विकेट लिए। उन्होंने आंद्रे रसेल और डेवॉन थॉम्स को आउट किया था। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
युवराज सिंह ने टूर्नामेंट में 362 रन बनाए थे और गेंद के साथ 15 विकेट भी लिए थे, जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था।