जम्मू-कश्मीर में सुधर चुके है हालात ? केंद्र सरकार ने 10 हजार जवानों को वापस बुलाया

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से अर्धसैनिक बलों के लगभग 10,000 जवानों को ‘तत्काल’ वापस बुलाने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया।

प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए हाल ही में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी आर्थिक माहौल का जायजा लेगी। प्रशासन ने यह भी तय किया है कि हाउस बोट के पंजीकरण, लाइसेंस नवीकरण के दिशा निर्देश को लेकर भी समीक्षा की जाएगी।

बीते दिनों यह फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में कश्मीर चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से बातचीत कर व्यापारी वर्ग की समस्याओं को सुनने के समय किया। प्रशासन ने बिजली माफी योजना को भी तीस सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कुल 100 सीएपीएफ कंपनियों को ‘तत्काल’ वापस बुलाने और देश में उनके दूसरे स्थानों पर वापस जाने का आदेश दिया गया है, जहां से उन्हें जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अनुच्छेद- 370 के हटाए जाने के समय पोस्ट किया गया था।

निर्देशों के अनुसार, इस सप्ताह तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कुल 40 कंपनियां और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल की 20 कंपनियां जम्मू-कश्मीर से वापस बुला ली जाएंगी।

एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 जवान होते हैं। गृह मंत्रालय ने मई में जम्मू-कश्मीर से लगभग 10 सीएपीएफ कंपनियों को वापस ले लिया था। अब सीआरपीएफ के पास कश्मीर घाटी में लगभग 60 बटालियन (प्रत्येक बटालियन में लगभग 1,000 जवान) होंगे।

गौरतलब है कि पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया था। सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया था। इसके चलते सरकार ने वहां सुरक्षा को पहले के मुकाबले कड़ा कर दिया था और अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here