वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है। इसके पहले उनके एक कदम ने उन्हें शर्मसार कर दिया। दरअसल, अमेरिकी कांग्रेस ने 740.5 अरब डॉलर के उस डिफेंस बिल को मंजूरी दे दी है, जिस पर ट्रम्प ने रोक लगा दी थी, यानी वीटो कर दिया था।
इस बिल के पास होने से जो बाइडेन ने भी राहत की सांस ली होगी। इसकी वजह यह है कि वे 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे हैं और एक साल के रक्षा बजट को उन्हें कांग्रेस से पास कराना पड़ता।
ट्रम्प की पार्टी का बहुमत काम नहीं आया
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में फिलहाल ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। ट्रम्प ने वीटो इसी गणित के आधार पर लगाया था। लेकिन, बिल के पक्ष में 322 जबकि विरोध में सिर्फ 87 वोट पड़े। इसका मतलब ये हुआ कि ट्रम्प की पार्टी के कुछ सांसद ही उनके साथ नहीं थे। हालांकि, खुद राष्ट्रपति को इस बात का अंदाजा था कि उनके लिए यह बिल रोकना आसान नहीं था। लिहाजा, उन्होंने कांग्रेस से कहा कि बिल 740 अरब डॉलर की बजाए 2 हजार अरब डॉलर का होना चाहिए। लेकिन, यह चाल नाकाम रही।
आठ दिन में बदल गया गणित
ट्रम्प ने 23 दिसंबर को इस बिल को वीटो किया था। 31 दिसंबर को वोटिंग हुई और 1 देर शाम नतीजे भी सामने आ गए। खास बात यह है कि कांग्रेस इसे काफी पहले ही पास कर चुकी थी लेकिन, इसके बावजूद ट्रम्प अड़ गए थे। रिपब्लिकन नेता और सीनेटर मिच मैक्डोनेल ने कहा- हमारे लिए यह बहुत राहत की बात है। हमें अपने सुरक्षा बलो और उनके परिवारों का ध्यान रखना है। बिल पास कराने के लिए कांग्रेस का स्पेशल सेशन बुलाया गया।
ट्रम्प का तंज
बिल पास होने के बाद ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह रूस और चीन के लिए गिफ्ट है। वे चाहते हैं कि हम अफगानिस्तान और साउथ कोरिया में फंसे रहें।
इस मामले में एक बात और ध्यान रखने योग्य है। अपने कार्यकाल में ट्रम्प ने कुल 8 बार विधेयकों पर वीटो किया। वे हर बार कामयाब भी रहे। लेकिन, इस डिफेंस बिल पर उनका वीटो काम नहीं आ सका।