भारत (India) में एक गांव ऐसा भी है जो देश के सबसे अमीर गांवों में से एक माना जाता है। हर घर देखने में एक से बढ़कर एक हैं। यह गांव (Village) बैंकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए यहां 17 बैंक (Bank) हैं। इन बैंकों में गांव वालों की मोटी रकम जमा है। हैरान करने वाली बात यह है कि यहां आधे से ज्यादा लोग लंदन (London) और यूरोप (Europe) में रहते हैं। यह इतना खास हो गया है कि दुनियाभर से लोग इसको देखने आते हैं।
गुजरात (Gujarat) के कच्छ जिले में इस गांव का नाम मधापर (Madhapar) है, जो बैंक जमा के मामले में दुनिया के सबसे अमीर गांवों में से एक है। करीब 7,600 घरों वाले इस गांव में 17 बैंक हैं। और हां, आपको जानकर हैरानी होगी कि इन सभी बैंकों में 92 हजार लोगों के 5 हजार करोड़ रुपये जमा हैं। इसका कारण यह है कि इन बैंकों के खाताधारक यूके, यूएसए, कनाडा और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में रहते हैं। उन्होंने एक मिसाल कायम की है कि कैसे अपनी जड़ों से जुड़े रहना और उन्हें कभी नहीं भूलना एक बदलाव लाता है।
कमाई का मुख्य स्रोत खेती
इस गांव के ज्यादातर लोग एनआरआई हैं। लेकिन देश से बाहर रहते हुए भी उन्होंने यहां पैसा जमा किया और स्कूल, कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र, मंदिर, बांध, हरियाली और झीलों का निर्माण कराया। गांव वालों की कमाई का मुख्य स्रोत खेती है। उनका सामान मुंबई निर्यात किया जाता है।
लंदन में बनाया संगठन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव को बेहतर बनाने और विदेशों में लोगों को जोड़ने के मकसद से 1968 में ही लंदन में मधापर विलेज एसोसिएशन नामक संगठन बना। उसका कार्यालय खोला गया ताकि ब्रिटेन में रहने वाले सभी माधापर गांव के लोग एक दूसरे से किसी न किसी सामाजिक कार्यक्रम के बहाने मिलते रहें। इसके अलावा लंदन कम्यूनिटी से जुड़े रहने के लिए गांव में भी एक दफ्तर है। इस सुमदाय का एकमात्र उद्देश्य संस्कृति और मूल्यों को जीवित रखना है।