जासूस से राष्ट्रपति तक का सफर, इनकी कहानी जरा फिल्मी है…

नई दिल्ली । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिनती दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में होती है। पुतिन का केजीबी एजेंट से रूसी राष्ट्रपति बनने तक का सफर किसी थ्रिलर मूवी से कम नहीं है। पुतिन यूक्रेन युद्ध के बाद से ज्यादा सुर्खियों में रहे। रूस-यूक्रेन युद्ध को 2 साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अभी तक इस जंग का अंत नहीं हुआ।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बारे में कहा जाता है कि उनकी जिंदगी काफी फिल्मी भी है। खबरों की मानें तो, पुतिन इस उम्र में खुद को फिट रखने के लिए रोजाना स्विमिंग करते हैं और जिम में पसीना भी बहाते हैं। इसके अलावा उन्हें योग, खेल और घुड़सवारी का काफी शौक है।

ऐसा भी कहा जाता है कि पुतिन दुनिया को अपनी तंदुरुस्ती दिखाने के लिए एडवेंचर एक्टिविटी भी करते हैं। साल 2017 में उन्होंने साइबेरिया की कड़ाके की ठंड में शर्ट उतार कर मछलियां पकड़ी थीं। जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हुई थी।

पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को रूस के लेनिनग्राद में हुआ था। उनका पूरा नाम व्लादिमीर व्लादिमीरोविच पुतिन है। उनका बचपन काफी मुश्किल भरे हालातों से गुजरा। उनकी मां एक फैक्ट्री में मजूदरी करती थीं। गैंग कल्चर से घिरे इस शहर में उन्होंने अपराध को बड़े करीब से देखा। पुतिन कम आयु में ही सोवियत स्टाइल के मार्शल आर्ट ‘सैम्बो’ की तरफ आर्कषित हो गए थे।

बताया जाता है कि वो 16 साल की उम्र में केजीबी पहुंचकर नौकरी मांगने लगे। तब उन्हें कहा गया कि नौकरी के लिए डिग्री की जरूरत होगी। इसके बाद उन्होंने लॉ में डिग्री हासिल की। पुतिन ने 18 साल में जूडो में ब्लैक बेल्ट हासिल की।

पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। 1975 में ग्रेजुएट होने के बाद पुतिन ने केजीबी ज्वाइन कर ली और 1991 तक जासूस के तौर पर काम करते रहे। पुतिन ने 6 साल ईस्ट जर्मनी में बतौर जासूस तैनात रहे। सोवियत संघ जब अपने आखिरी दौर पर था, तब पुतिन को मॉस्को बुला लिया गया। यहां से उनकी जिदंगी में नया मोड़ आया और उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। 1991 में वो सेंट पीटर्सबर्ग के डिप्टी मेयर चुन गए। इसके बाद पुतिन राजनीति में तेजी से सीढ़ियां चढ़ते गए।

1999 में रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने उन्हें डिप्टी पीएम की जिम्मेदारी सौंपी। इसी साल वो रूस के प्रधानमंत्री भी बने। येल्तसिन के इस्तीफे के बाद साल 2002 में पुतिन रूस के राष्ट्रपति बने। साल 2004 में वो दोबारा रूस के राष्ट्रपति बने। हालांकि, 2008 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था।

दरअसल, रूस के संविधान के मुताबिक कोई भी शख्स लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। 2008 से 2012 तक वह देश के प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उनके करीबी दिमित्री मेदवेदेव रूस के राष्ट्रपति पद पर रहे। खास बात यह है कि दिमित्री मेदवेदेव ने एक नेता के लिए देश का संविधान ही बदल दिया और राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया। इसके बाद 2012 में पुतिन दोबारा रूस के राष्ट्रपति बने और तब से लेकर अब तक वह अपने पद पर बने हुए हैं।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन की निजी जिदंगी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। साल 1983 में पुतिन ने ल्यूडमिला अलेक्सांद्रिया से शादी की और 2014 में तलाक ले लिया था। पुतिन की दो बेटियां मारिया वोरोत्सोवा और कतेरीना तिखोनोवा हैं।

–आईएएनएस

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