जियोफोन नेक्स्ट की लॉन्चिंग टली, सेमीकंडक्टर सप्लाई न मिलना भी बड़ा कारण

रिलायंस जियो ने अपने पहले स्मार्टफोन जियोफोन नेक्स्ट की बिक्री को फिलहाल टाल दिया है। इसकी बिक्री शुक्रवार यानी 10 सितंबर से शुरू होनी थी। अब इसकी बिक्री दिवाली के आसपास शुरू की जाएगी। कंपनी ने देर रात बताया कि स्मार्टफोन का अभी एडवांस ट्रायल चल रहा है। इस साल दिवाली 4 नवंबर को है। यानी तब तक इस फोन को खरीदने वाले ग्राहकों को इंतजार करना होगा। हालांकि, कंपनी ने इस फोन की कीमत और डिलीवरी को लेकर कुछ नहीं बताया।

ऐसा माना जा रहा है कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर की सप्लाई का असर जियोफोन नेक्स्ट पर हुआ है। शायद इसी वजह से इसकी बिक्री की तारीख को भी आगे बढ़ाया गया है। कंपनी ने भी कहा कि दिवाली तक मिलने वाले एक्स्ट्रा टाइम से इंडस्ट्री के मौजूदा हालात, ग्लोबल सेमीकंडक्टर शॉर्टेज से निपटने में भी मदद मिलेगी। दुनियाभर में सबसे ज्यादा सेमीकंडक्टर की सप्लाई ताइवान की कंपनियों के द्वारा की जाती है। इस सेगमेंट में उनकी 60% हिस्सेदारी है।

जियो ने कहा प्रीमियम स्मार्टफोन जैसे फीचर्स मिलेंगे
जियो ने अपने नोट में कहा, “डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम में वो प्रीमियम फीचर्स मिलेंगे जिन्हें अब तक ज्यादा पावरफुल स्मार्टफोन में ही देखा गया है। इनमें वॉइस-फर्स्ट फीचर्स शामिल हैं जिसके जरिए यूजर्स अपनी भाषा में फोन को नेविगेट कर सकते हैं और कॉन्टेन्ट देख सकते हैं। फोन में बेहतर कैमरा एक्सपीरियंस, लेटेस्ट एंड्रॉयड फीचर और सिक्योरिटी अपडेट्स मिलेंगे।”

जियो और गूगल दोनों कंपनियां जियोफोन नेक्स्ट को अधिक रिफाइन करने के लिए टेस्टिंग कर रही हैं। कंपनी ने बताया कि फोन अभी चुनिंदा यूजर्स के पास टेस्ट किया जा रहा है।

जियोफोन नेक्स्ट के संभावित स्पेसिफिकेशन और कीमत
डेटा इंजीनियर और प्रोडक्ट रिव्यू करने वाले टिप्सटर योगेश के मुताबिक, जियोफोन नेक्स्ट की कीमत 3,499 रुपए होगी। उन्होंने जियोफोन नेक्स्ट के स्पेसिफिकेशन भी शेयर किए हैं। उनके हिसाब से फोन में 5.5-इंच का HD डिस्प्ले, 13 मेगापिक्सल रियर कैमरा और 2500mAh की बैटरी मिलेगी।

क्या है सेमीकंडक्टर?
ये आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं। इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, व्हीकल और माइक्रोवेव ओवन तक जैसे कई प्रोडक्ट्स में होता है। ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करते हैं। वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन स्टडी की वजह से डेस्कटॉप, लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट की मांग बढ़ी। तो फिट रहने के लिए लोगों ने फिटनेस बैंड भी खरीदे। वहीं, गेमिंग डिवाइस के साथ दूसरे गैजेट्स भी जमकर बिके।

कौन-कौन सी कंपनियां चिप बना रहीं?
वैसे तो दुनियाभर में चिप बनाने वाली कई कंपनियां हैं, लेकिन चिप के ओवरऑल प्रोडक्शन में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC) का है। बीते साल इस कंपनी ने अकेले ही दुनियाभर में 54 फीसदी चिप की सप्लाई की थी।

ताइवान की ही यूनाइटेड माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन (UMC) चिप का प्रोडक्शन करने वाली दूसरी बड़ी कंपनी है। इसके अलावा सैमसंग, इंटेल, SK हाइनिक्स, माइक्रोन टेक्नोलॉजी, क्वालकॉम, ब्रॉडकॉम, तोशिबा, एनवीडिया, टेक्सस इंस्ट्रुमेंट्स जैसी कंपनियां भी चिप का निर्माण करती हैं।

पहली बार सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल 1901 में हुआ
इटली के भौतिकशास्त्री एलेसेंड्रो वोल्टा ने 1782 में पहली बार सेमीकंडक्टिंग शब्द का इस्तेमाल किया था। हालांकि अमेरिकी भौतिकशास्त्री माइकल फैराडे 1833 में सेमीकंडक्टर प्रभाव का निरीक्षण करने वाले पहले व्यक्ति थे। फैराडे ने पाया कि सिल्वर सल्फाइड के विद्युत प्रतिरोध में तापमान में कमी आई है।

1874 में कार्ल ब्रौन ने पहले सेमीकंडक्टर डायोड प्रभाव की खोज की। 1901 में पहले सेमीकंडक्टर डिवाइस ‘कैट व्हिस्कर्स’ का पेटेंट कराया गया। इसका आविष्कार जगदीश चंद्र बोस ने किया था।

क्वालिटी के मामले में ताइवान के चिप बेहतर
बदलती तकनीक के साथ चिप के निर्माण में क्रांति आई। बीते साल TSMC और सैमसंग ने दुनियाभर में चिप की मांग को पूरा करने की कोशिश की। दोनों ने 5nm वाले चिप बनाए। 2022 तक इनकी 3nm चिप बनाने की योजना है। हालांकि क्वालिटी की वजह से ताइवान के चिप की डिमांड दुनियाभर में बढ़ी है। एपल भी TSMC के चिप का इस्तेमाल कर रही है।

दुनियाभर में ताइवान की 60% से ज्यादा हिस्सेदारी
2020 में दुनियाभर के सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन में ताइवान की 63% हिस्सेदारी रही। वहीं, कोरियन कंपनी की 18%, चीन की 6% और अन्य की 13% हिस्सेदारी रही। इसमें भी TSMC की हिस्सेदारी 54% रही। TSMC करीब 550 बिलियन डॉलर (करीब 41 लाख करोड़) के मार्केट कैप के साथ दुनिया की 11वीं सबसे वैल्यूएबल कंपनी बन चुकी है।

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