नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिडा (आरबीआई) ने कहा कि कोरोना-19 के संक्रमण के चलते आर्थिक गतिविधियां बाधित होने से देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक रहेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है और महंगाई के अनुमान बेहद अनिश्चित हैं।
दास ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने का ऐलान करते हुए कहा कि दो महीनों के लॉकडाउन से घरेलू आर्थिक गतिविधि बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि शीर्ष 6 औद्योगिक राज्य, जिनका भारत के औद्योगिक उत्पादन में 60 फीसदी योगदान हैं। वे मोटेतौर पर लाल या नारंगी क्षेत्र में हैं। दास ने कहा कि मांग में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं और बिजली तथा पेट्रोलियम उत्पादों की मांग घटी है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सबसे अधिक झटका निजी खपत में लगा है, जिसकी घरेलू मांग में करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी है। दास ने कहा कि मांग में कमी और आपूर्ति में व्यवधान के चलते चालू वित वर्ष की पहली छमाही में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि वित वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुधार की उम्मीद है। दास ने कहा कि वित वर्ष 2020-21 में जीडीपी वृद्धि दर के नकारात्मक रहने का अनुमान है, हालांकि वित वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में कुछ तेजी आएगी।