मास्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने पेशेवर जीवन के लिए जितना जाने जाते हैं, उनका परिवार उतनी ही गोपनीयता में रहता है। पुतिन की निजी जिंदगी और उनका परिवार हमेशा एक रहस्य बना रहा है, लेकिन यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद पुतिन के परिवार के बारे में भी नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। दावा किया गया है कि पुतिन के बेटी कैटरिना तिखोनोवा एक बैले डांसर इगोर जेलेंस्की के साथ रिलेशनशिप में हैं।
रूसी स्वतंत्र मीडिया आउटलेट iStories और जर्मन पत्रिका Der Spiegel की ओर से दावा किया गया है कि इगोर जेलेंसकी और पुतिन की बेटी कैटरिना तिखोनोवा की एक बेटी भी हो सकती है। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इगोर जेलेंस्की जर्मनी के म्यूनिख के रहने वाले हैं और 2018 से 2019 के बीच, पुतिन की बेटी ने 50 से अधिक बार म्यूनिख की यात्रा की।
राष्ट्रपति सुरक्षा के साथ की यात्रा
मीडिया रिपोर्ट्स में एक दस्तावेज का भी जिक्र है, जिसमें पुतिन की बेटी का यात्रा रिकॉर्ड है। इस दस्तावेज में मास्को से म्यूनिख की यात्राओं का रिकॉर्ड है। बताया गया है कि इन दस्तावेज में एक दो साल की लड़की का पासपोर्ट भी शामिल है, जो पुतिन की “अज्ञात पोती” हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कैटरिना तिखोनोवा ने म्यूनिख की यात्रा के लिए राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा के विमानों का प्रयोग किया।
कौन हैं इगोर ज़ेलेंस्की?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जैसा उपनाम रखने वाले इगोर जेलेंस्की पेशेवर बैले डांसर व डायरेक्टर थे। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने 4 अप्रैल को “निजी पारिवारिक कारणों” का हवाला देते हुए डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था। रिपोर्ट्स में कहा गया कि, कैटरिना और जेलेंस्की के वर्तमान ठिकाने के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है।
रूस ने की लेजर हथियारों की तैनाती
मैरियूपोल पर कब्जे के बाद रूस ने यूक्रेन में नई पीढ़ी के शक्तिशाली लेजर हथियारों की तैनाती की है। इसके सहारे वह पश्चिम से यूक्रेन को सप्लाई किए गए ड्रोन को नष्ट करेगा। उधर, मॉस्को ने युद्ध के 85वें दिन कहा है कि गत 24 घंटों में अजोवस्तल स्टील संयंत्र में 771 यूक्रेनी सैनिकों के साथ अब तक 1,730 सैनिक आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
रूस ने जिन शक्तिशाली लेजर हथियारों की तैनाती की बात कही है उसका यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मजाक उड़ाते हुए कहा, इनका इस्तेमाल नाजी जर्मनी ने विश्वयुद्ध में हार से बचने के लिए किया था। हालांकि, रूस ने इन्हें बेहद अहम हथियार बताया जिसका उसने 2018 में अनावरण किया था।