रामपुर। धोखाधड़ी के मामले में सीतापुर जेल में कैद रामपुर से सपा सांसद आजम खान को एक और झटका लगा है। गुरुवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने आजम के जौहर ट्रस्ट को वक्फ संख्या 157 के मुतव्वाली (धार्मिक संस्था की सम्पत्ति का रक्षक) पद से हटा दिया है। बोर्ड ने 24 परिवार को जगह आवंटित की है। बोर्ड ने अपने आदेश की कॉपी जौहर ट्रस्ट के अलावा जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक रामपुर को भी भेजी है। इस यतीम खाना की भूमि से 26 लोगों को बेघर करके आजम ने ट्रस्ट से एक स्कूल का निर्माण कर दिया गया और अपनी ट्रस्ट को मुतवल्ली बनवा दिया था। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने वक्फ में तैनात जुनैद खान को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्ति कर दिया है।
साल 2016 का है मामला
सपा शासन काल में आजम खान वक्फ मंत्री थे। उन्होंने साल 2016 में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वक्फ संख्या 157 यतीमखाना रामपुर का गैरकानूनी ढंग से जौहर ट्रस्ट को मुतवल्ली बनवा दिया था। उसके बाद आजम ने वहां से 26 परिवारों को न सिर्फ बल पूर्वक बेदखल कर दिया था, बल्कि उनके घरों में लूटपाट कराकर घरों पर बुलडोजर चलवा दिया था। बाद में आजम खान ने वहां स्कूल के नाम पर बिना नक्शा पास कराए अपनी अवैध बिल्डिंग खड़ी कर दी थी।
20 मार्च को हो गई थी कार्रवाई, अब मिला लेटर
31 मार्च को बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही चेयरमैन जुफर फारुखी ने 20 मार्च को जौहर ट्रस्ट को टर्मिनेट करके वक्फ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जुनैद खान को वक्फ संख्या 157 का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्ति कर दिया था। जिसके बाद एडमिनिस्ट्रेटर ने उसी दिन 26 गरीब यतीम परिवारों को जगह आवंटित कर दी थी। बोर्ड ने आदेश की कॉपी रामपुर के डीएम-एसपी सहित जौहर ट्रस्ट को भेज दी थी, परंतु लॉक डाउन की वजह से आदेश अब मिला पाया है।
फैसल लाला ने उठाया था मुद्दा, कांग्रेस ने कर दिया था निष्कासित
समाजसेवी एवं पूर्व कांग्रेसी नेता फैसल खान लाला ने बताया कि जब से ये प्रकरण सामने आया, तभी से वह लगातार उन गरीब परिवारों की लड़ाई लड़ रहे थे। जिसका आजम खान ने विरोध भी किया था। जिसके बाद उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। फैसल लाला ने मामला तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक तक पहुंचाया था। यतीमखाने के लोगों ने आजम, पूर्व सीओ आले हसन सहित कई लोगों पर लूटपाट के मुकदमे दर्ज कराए थे। जौहर ट्रस्ट के खिलाफ फैसल लाला ने हाईकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की है। जिसपर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।
शहजादी बेगम जैसे परिवारों को मिला सुकून
लॉकडाउन से पहले फैसल लाला ने यतीमखाने में जनसभा कर यह ऐलान किया था कि एक महीने के अंदर यतीमों को जगह वापस नही दिलाई तो राजनीति छोड़ दूंगा। अब जौहर ट्रस्ट को हटाकर जगह 26 यतीम परिवारों को वापस आवंटित करा दी गई है। लॉक डाउन के बाद जगह पर कब्ज़ा दिलाया जाएगा और आजम खान की अवैध बिल्डिंग गिरवाई जाएगी। इस आदेश के बाद से पीड़ितों में खुशी की लहर है। लोगों ने कहा- देर से सही लेकिन इंसाफ और सच्चाई की जीत हुई है। 90 साल की बुजुर्ग शहजादी बेगम सहित पूरे यतीमखाने में लोगों के चेहरे पर रौनक लौट आई है।