वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में आज पुरातात्विक सर्वेक्षण पर अदालत से फैसला आने की संभावना है। याचिकाकर्ता का दावा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हुआ था। साल 1991 से चल रहे इस विवाद में 2 अप्रैल को सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के सिविल जज आशुतोष तिवारी ने दोनों पक्षों की सर्वेक्षण के मुद्दे पर बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार दोपहर बाद पूरे मामले पर फैसला आने की उम्मीद है।
पक्षकार पंडित सोमनाथ व्यास ने की थी सर्वेक्षण की मांग
अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने साल 2019 में सिविल की जज की अदालत में स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर काशी विश्वनाथ की ओर से ‘वाद मित्र’ के रूप में एक आवेदन किया था। जिसमें उन्होंने मांग की थी कि मस्जिद, ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर मंदिर का एक अंश है। जहां हिंदू आस्थावानों को पूजा-पाठ, दर्शन और मरम्मत का अधिकार है। कोर्ट से ये मांग स्वयंभू ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर के पक्षकार पंडित सोमनाथ व्यास ने किया था। पुरातात्विक सर्वेक्षण कराकर मुद्दे को हल किया जाए।
याचिकाकर्ता का दावा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण 2050 साल पहले महाराज विक्रमादित्य ने करवाया था, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब ने साल 1964 में मंदिर को नष्ट करा दिया था।
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद व अन्य हैं विपक्षी
पूरे मामले में वादी के तौर पर स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर काशी विश्वनाथ और दूसरा पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड हैं। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से अधिवक्ता मुमताज अहमद, रईस अहमद सेंट्रल वक्फ बोर्ड यूपी तौफीक खान और अभय यादव ने कोर्ट में बहस किया था।