बेंगलुरु। बेंगलुरु में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने श्रीलंका को 238 रन से हराकर दो मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप कर लिया। श्रीलंका के सामने 447 रन का टारगेट था। जवाब में मेहमान टीम 208 रन पर सिमट गई। भारत की तरफ से आर अश्विन ने 4 और जसप्रीत बुमराह ने 3 विकेट लिए। अक्षर पटेल को 2 जबकि रवींद्र जडेजा को 1 विकेट मिला। मैच में बुमराह ने कुल 8 विकेट लिए। ऋषभ पंत मैन ऑफ द सीरीज चुने गए।
दूसरी पारी में श्रीलंका की ओर से कप्तान दिमुथ करुणारत्ने (107) टॉप स्कोरर रहे। 7 बैटर डबल डिजिट में भी नहीं जा सके। दोनों पारियों में फिफ्टी लगाने वाले श्रेयस अय्यर को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ और सीरीज में 185 रन बनाने वाले ऋषभ पंत को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ का अवॉर्ड मिला।
लगातार 15वीं सीरीज जीता भारत
घरेलू मैदानों पर भारतीय टीम की ये लगातार 15वीं टेस्ट सीरीज जीत है। भारत 2012 में आखिरी बार होम सीरीज हारा था। तब उसे इंग्लैंड ने पटखनी दी थी। उस समय महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे। इसके बाद से अब तक भारतीय टीम ने कोई घरेलू टेस्ट सीरीज नहीं गंवाई। अब तक किसी भी टीम ने अपने घरेलू मैदानों पर इतनी सीरीज नहीं जीतीं।
श्रीलंका के खिलाफ भारत ने तीसरी बार टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया है। इससे पहले 1993/94 और 2017 में भारत ने श्रीलंका को 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से धूल चटाई थी।
अय्यर का दमदार प्रदर्शन
डे-नाइट टेस्ट की दोनों पारियों में श्रेयस अय्यर ने कमाल का प्रदर्शन किया। पहली पारी में जब वो बल्लेबाजी के लिए आए, उस समय भारत का स्कोर 86/4 था। इसके बाद चौथा टेस्ट खेल रहे अय्यर ने न सिर्फ एक छोर संभाले रखा, बल्कि तेजी से रन भी बनाए। हालांकि वह अपना दूसरा शतक पूरा नहीं कर सके और 98 गेंदों पर 92 रन बनाकर आउट हो गए।
दूसरी पारी में भी अय्यर का जलवा कायम रहा। उन्होंने 70 गेंदों पर टेस्ट क्रिकेट में अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया। इसके साथ श्रेयस डे-नाइट टेस्ट की दोनों पारियों में 50+ स्कोर बनाने वाले भारत के पहले और दुनिया के चौथे खिलाड़ी बन गए। वो 67 रन बनाकर आउट हुए।
छा गए ऋषभ पंत
टेस्ट सीरीज में ऋषभ पंत ने कमाल का प्रदर्शन किया। 3 पारियों में उन्होंने 185 रन बनाए। बतौर विकेटकीपर 5 कैच लिए और 3 स्टंपिंग कीं। दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में पंत भारत के लिए टेस्ट फॉर्मेट में सबसे तेज फिफ्टी लगाने वाले खिलाड़ी भी बन गए। दूसरी पारी में पंत ने केवल 28 गेंद पर अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने कपिल देव के 40 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। कपिल ने 1982 में पाकिस्तान के खिलाफ 30 गेंदों पर फिफ्टी बनाई थी।
करुणारत्ने की कप्तानी पारी
एक छोर से भले ही विकेट गिर रहे हो, लेकिन दूसरे छोर पर श्रीलंका के कप्तान दिमुथ करुणारत्ने डट कर खड़े रहे। उन्होंने 166 गेंदों पर टेस्ट क्रिकेट में अपना 14वां और भारत के खिलाफ दूसरा शतक पूरा किया। हालांकि वह अपनी पारी को आगे नहीं बढ़ सके और जसप्रीत बुमराह की अंदर आती हुई गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए।
- डे-नाइट टेस्ट में करुणारत्ने का ये दूसरा शतक रहा।
- बतौर कप्तान उनका ये छठा शतक रहा।
- वह चौथी पारी में 1,000 रन बनाने वाले SL के तीसरे खिलाड़ी भी बन गए हैं। उनसे पहले कुमार संगकारा (1163) और महेला जयवर्धने (1096) का नाम आता है।
स्टेन से आगे निकले अश्विन
धनंजय डी सिल्वा (4) रन बनाकर अश्विन की गेंद पर आउट हुए। डी सिल्वा को आउट करने के साथ ही आर अश्विन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दुनिया के 8वें गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने डेल स्टेन का रिकॉर्ड तोड़ा। साउथ अफ्रीका के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज डेल स्टेन 439 विकेट लिए थे और अश्विन के 442 विकेट हो गए हैं।
अश्विन ने तोड़ी मेंडिस और दिमुथ की साझेदारी
लाहिरु थिरिमाने (0) के आउट होने के बाद कुसल मेंडिस और दिमुथ करुणारत्ने ने श्रीलंका की पारी को संभाला। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 115 गेंदों पर 97 रन जोड़े। इस साझेदारी को आर अश्विन ने मेंडिस (54) को आउट कर तोड़ा। मेंडिस को ऋषभ पंत ने स्टंप आउट किया। विकेट गंवाने से पहले मेंडिस ने शानदार बैटिंग करते हुए केवल 57 गेंदों पर अपने टेस्ट करियर का 12वां अर्धशतक पूरा किया था। इसके बाद अगले ही ओवर में रवींद्र जडेजा ने एंजेलो मैथ्यूज (1) को बोल्ड कर भारत को तीसरी सफलता दिलाई।
5 साल में पहली बार कोहली का टेस्ट एवरेज 50 के नीचे
श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दूसरे दिन विराट दूसरी पारी में भी कुछ खास नहीं कर पाए और सिर्फ 13 रन बनाकर आउट हो गए। कोहली को स्पिनर प्रवीण जयविक्रमा ने एलबीडब्ल्यू आउट किया। दोनों पारियों में नाकाम रहने के बाद कोहली का टेस्ट एवरेज भी 50 से नीचे आ गया है। कोहली ने अब 101 टेस्ट मैचों में 49.95 की एवरेज से 8,043 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 27 शतक और 28 अर्धशतक निकले हैं। 2017 में श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट की दूसरी पारी के बाद से 40 टेस्ट में पहली बार कोहली का टेस्ट बल्लेबाजी औसत 50 से नीचे गिरा है।