टूट गई दो दशक पुरानी परम्परा : नगर का भ्रमण करने नहीं निकले भगवान जगन्नाथ

वाराणसी। जगन्नाथपुरी में भले ही रथयात्रा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी है, लेकिन काशी में रथयात्रा की अनुमति नहीं है। काशी के लक्खा मेले में शुमार यहां 200 सालों से ज्यादा समय से 23 से 25 जून को रथयात्रा का आयोजन किया जाता रहा है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को नगर भ्रमण कराया जाता था। पूरे भारत में काशी ही ऐसी नगरी है जहां तीन दिनी रथयात्रा महोत्सव मनाया जाता है।

Advertisement

सभा, रस्म, पूजन विधान भी पुरी की तरह निभाए जाते हैं। इसी के साथ काशी में उत्सव शुरू होते हैं। लेकिन, कोरोना महामारी के चलते इस बार सभी रीति-रिवाज मंदिर में ही पूर्ण किए जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा मंदिर के बाहर नोटिस भी लगाया गया है। मंदिर में किसी भक्त को प्रवेश के अनुमति नहीं है।

1780 के आसपास मंदिर की हुई थी स्थापना

साल 1780 के आसपास पुरी जगन्नाथ मंदिर के पुजारी नित्यानंद तिवारी काशी आ गए थे। उन्होंने ही अस्सी क्षेत्र में काष्ठ विग्रह को स्थापित किया। उसके कुछ दिनों बाद भव्य रथ का निर्माण हुआ। पुरी जैसी ही परंपरा का निर्वहन यहां भी होने लगा। 1802 में रथयात्रा मेला भव्य रंग में आया और 2019 तक निरंतर चलता रहा। मंदिर के सचिव आलोक शापुरी ने बताया कि सड़क के दोनों किनारों पर दुकानें, प्रभु को प्रिय नानखटाई की दुकानें, झूला, खाने पीने के स्टाल सज जाते थे। इस बार कोरोना के चलते मेला स्थगित कर दिया गया है।

जगन्नाथजी इस बार रथयात्रा मेले में डोली से नहीं पहुंचे। मेला स्थगित कर दिया गया है।

 

पुरी में रथयात्रा की शुरुआत गुडीचा मंदिर स्थित उनके मौसी के राजमहल के सिंहद्वार से होती है। वहीं, काशी में भगवान तीन दिनों के लिए पंडित बेनीराम बाग के सिंहद्वार आते हैं। यहां देव विग्रहों को 14 पहिए वाले 20 फीट चौड़े और 18 फीट लंबे मंदिरनुमा अष्टकोणीय तंत्राकार रथ पर विराजमान कराकर रथ सड़क के मध्य में खड़ा किया जाता है।

11 नए संक्रमित मिले, अब जिले में पॉजिटिव केसों की संख्या 343 पहुंची
बीएचयू लैब से सोमवार देर शाम 11 नए संक्रमितों के मिलने की पुष्टि हुई। इसके बाद जिले में अब कुल मरीजों की संख्या 343 पहुंच गई है। इनमें से 235 स्वस्थ हुए हैं। जबकि, 13 संक्रमितों की मौत हुई है। वर्तमान में 95 एक्टिव केस हैं। प्रेमचन्द्र नगर कालोनी पांडेयपुर के रहने वाले एक ही परिवार के 5 लोग संक्रमित मिले हैं। इस परिवार का एक सदस्य पिछले दिनों मुंबई से आया था। जिसकी सैम्पल रिपोर्ट पहले ही पॉजिटिव आई थी।

दुकानों के खुलने व नाव चलने के लिए नई गाइलाइन

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि धारा-144 में आंशिक संशोधन किया गया है। अब गंगा नदी में नाविक नाव चला सकते हैं। लेकिन, उन लोगों को ही नाव संचालन की अनुमति है, जिन्होंने नगर निगम में अपना विवरण बेब लिंक पर भर दिया है। ध्यान रखना होगा कि छोटी नावों पर 4 से अधिक और बड़ी नावों पर 5 से अधिक यात्री न बैठने पाएं। सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य है। सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी करनी होगी।

  • सभी रेस्टोरेंट और आइसक्रीम पार्लर जो सड़क के दोनों तरफ (दाएं व बाएं) स्थित हैं, उन्हें सप्ताह के सभी 6 दिन सोमवार से शनिवार तक सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति है।
  • नाई/सैलून की दुकानें जो सड़क के दोनों तरफ स्थित हैं, को सप्ताह के सभी 7 दिन सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति दी जाती है।
  • सभी दवाइयों की दुकानें जो सड़क के दोनों तरफ स्थित हैं, उनको प्रत्येक रविवार को सुबह 9 बजे बजे से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। यह आदेश 30 जून तक लागू रहेगा।
तीन माह बाद नाव संचालन की अनुमति मिली।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here