नए खुलासे: एक्टिविस्ट दिशा ने टेलीग्राम ऐप के जरिए ग्रेटा थनबर्ग तक पहुंचाई टूलकिट

नई दिल्ली। ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के दूसरे दिन दिल्ली पुलिस उनके करीबियों की तलाश कर रही है। दिल्ली की एक कोर्ट ने सोमवार को दिशा के दो साथियों निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया। निकिता ने इसके खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट बेल की अर्जी दायर कर दी है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

इस बीच, पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि बेंगलुरु की एक्टिविस्ट दिशा, मुंबई की एक्टिविस्ट वकील निकिता और शांतनु ने खालिस्तानी समर्थक माने जाने वाले पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के फाउंडर एमओ धालीवाल के साथ जूम ऐप पर मीटिंग की थी। इस मीटिंग का मकसद 26 जनवरी से पहले सोशल मीडिया पर खलबली मचाना था। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेम नाथ के मुताबिक, कनाडा की रहने वाली पुनीत नाम की महिला ने दिशा, निकिता और शांतनु को इस संगठन से जोड़ा था। सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं कि ये मामला क्या है और अब तक जो नाम सामने आ रहे हैं, उनका इस केस से क्या संबंध है…

ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के सपोर्ट में टूलकिट शेयर की थी
यह मामला देश के किसानों से जुड़ा है, जो दिल्ली के दरवाजे पर 82 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। 3 फरवरी को 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दो सोशल मीडिया पोस्ट लिखी थीं। पहली पोस्ट में उन्होंने किसानों का समर्थन किया था, दूसरी पोस्ट में एक टूलकिट शेयर की थी। यह टूलकिट दरअसल एक गूगल डॉक्यूमेंट था। इसमें ‘अर्जेंट और ऑन ग्राउंड एक्शंस’ का जिक्र था।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इसे सरकार विरोधी मानते हुए टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी को देशद्रोह और साजिश रचने के आरोप में FIR दर्ज की थी। पुलिस ने गूगल से इस टूलकिट से जुड़ी जानकारी साझा करने को कहा और इसके बाद दिशा की गिरफ्तारी हुई।

दिशा, निकिता, धालीवाल और शांतनु पर आरोप क्या हैं?
इस मामले में ग्रेटा के अलावा अब तक 4 और किरदार सामने आए हैं…

1. दिशा रवि पर टूलकिट एडिट करने का आरोप
दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को बीते रविवार बेंगलुरु से गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के साथ ही 11 दिन बाद टूलकिट विवाद फिर सुर्खियों में आ गया। दिशा को रविवार को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

  • कौन हैं दिशा: 22 साल की दिशा BBA स्टूडेंट हैं। उन्होंने क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रुप फ्राइडे फॉर फ्चूयर की इंडिया विंग 2019 में शुरू की थी। इस इंटरनेशनल ग्रुप की फाउंडर ग्रेटा थनबर्ग हैं।
  • आरोप क्या हैं: दिल्ली पुलिस के मुताबिक, किसान आंदोलन से जुड़ी जो टूलकिट ग्रेटा ने शेयर की थी, उसे दिशा ने ही एडिट और सर्कुलेट किया था। इसके लिए उन्होंने वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया था। दिशा ने यह टूलकिट ग्रेटा तक टेलीग्राम ऐप के जरिए पहुंचाई, लेकिन जब यह टूलकिट पब्लिक डोमेन में आ गई तो दिशा ने ग्रेटा से इसे हटाने को कहा। बाद में दिशा ने टूलकिट के लिए बना वॉट्सऐप ग्रुप भी डिलीट कर दिया।
  • दिशा का क्या कहना है: रविवार को जब दिशा को दिल्ली की कोर्ट में पेश किया गया तो वे रोने लगीं। दिशा ने जज को बताया कि उन्होंने इस गूगल डॉक्यूमेंट की महज 2 लाइनें एडिट की थीं। मकसद यही था कि वे किसान आंदोलन का सपोर्ट करना चाहती थीं।

2. निकिता जैकब

दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस को टूलकिट केस में निकिता जैकब की तलाश है।

  • कौन हैं निकिता: निकिता मुंबई में रहती हैं। वे महाराष्ट्र और गोवा स्टेट बार काउंसिल में रजिस्टर्ड हैं। वे सोशल जस्टिस और क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं। उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल कहती है कि वे बॉम्बे हाईकोर्ट में एडवोकेट हैं।
  • आरोप क्या हैं: दिल्ली पुलिस का कहना है कि निकिता ने टूलकिट एडिट की थी। इसके अलावा धालीवाल के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में भी निकिता शामिल थीं। 11 फरवरी को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की एक टीम मुंबई के गोरेगांव में निकिता के घर गई और वहां रखे गैजेट्स की छानबीन की। इसी छानबीन में ये खुलासे हुए।
  • निकिता का क्या कहना है: निकिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट बेल की अर्जी दायर की है। उन्होंने 4 हफ्ते की अग्रिम जमानत मांगी है ताकि वे दिल्ली की अदालत में अर्जी दाखिल कर सकें। निकिता का कहना है कि वे जांच में सहयोग कर चुकी हैं और उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। मीडिया ट्रायल और राजनीतिक बदले के तौर पर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिशें हो रही हैं।

3. शांतनु
टूलकिट मामले में यह तीसरा नाम है। शांतनु के बारे में अभी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है।

  • कौन है शांतनु: दिल्ली पुलिस ने सिर्फ इतना ही बताया है कि शांतनु निकिता और दिशा का साथी है।
  • आरोप क्या हैं: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेम नाथ के मुताबिक, शांतनु ने एक ईमेल अकाउंट बनाया और इसके जरिए टूलकिट क्रिएट की। फिर उसने यह टूलकिट दिशा, निकिता और अन्य लोगों के साथ शेयर की। शांतनु ने धालीवाल के साथ जूम पर मीटिंग भी की थी।

4. एमओ धालीवाल पर टूलकिट बनाने का आरोप
टूलकिट केस में आखिरी कड़ी एमओ धालीवाल है। दिल्ली पुलिस की जांच में धालीवाल के नाम का खुलासा हुआ है।

  • कौन है धालीवाल: कनाडा में जन्मा धालीवाल डिजिटल ब्रांडिंग क्रिएटिव एजेंसी स्कायरॉकेट में डायरेक्टर है। वह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का फाउंडर भी है, जिसने किसान आंदोलन से जुड़ी विवादास्पद टूलकिट बनाई है। सितंबर 2020 में धालीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि मैं खालिस्तानी हूं।
  • आरोप क्या हैं: दिल्ली पुलिस की जांच के हवाले से पहले यह सामने आया था कि विवादास्पद टूलकिट धालीवाल के संगठन ने बनवाई थी। हालांकि, सोमवार की जांच के बाद पुलिस ने बताया है कि शांतनु ने टूलकिट बनाई थी। बहरहाल, धालीवाल के संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन को पुलिस खालिस्तानी मानती है। जांच में ताजा खुलासा यह हुआ है कि गणतंत्र दिवस से पहले एक जूम मीटिंग हुई थी। इसमें धालीवाल, निकिता और दिशा समेत बाकी लोग शामिल हुए थे। इस मीटिंग में एक किसान की मौत पर चर्चा हुई। मीटिंग का मकसद यह था कि गणतंत्र दिवस से पहले सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी जाए।
  • धालीवाल का क्या कहना है: एमओ धालीवाल का कहना है कि पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन उसने नहीं, बल्कि उसकी दोस्त अनिता लाल ने बनाया था।

दिशा की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेताओं के तीखे तेवर

  • प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से।’
  • पी चिदंबरम ने कहा कि भारत बेतुकी चीजों का मंच बनता जा रहा है। ये बहुत दुख की बात है कि दिल्ली पुलिस तानाशाहों के हाथ की कठपुतली बन गई है।
  • जयराम रमेश ने दिशा की गिरफ्तारी पर कहा, ‘ये घटिया हरकत है। अनचाहा उत्पीड़न है और धमकाने वाला काम है।’
  • शशि थरूर ने कहा, ‘भारत में किसान आंदोलन को दबाने के लिए जिस तरह से राजनीतिक विरोध और वैचारिक आजादी पर हमले हो रहे हैं, दिशा रवि की गिरफ्तारी उसमें नया कदम है। क्या भारत सरकार को दुनिया में अपनी छवि खराब होने की जरा भी परवाह नहीं है?’

लेफ्ट, सपा और किसान नेता भी नाराज

  • लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि मोदी राज ये सोचता है कि किसानों की पोती को गिरफ्तार करने से किसानों का संघर्ष कमजोर पड़ जाएगा। दरअसल, ये गिरफ्तारी देश के युवाओं को जगाएगी और लोकतंत्र को मजबूत करेगी।
  • समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘सवाल ये है कि उन लोगों को कब गिरफ्तार किया जाएगा, जो अपने शब्दों की टूलकिट से सुबह-शाम देश और समाज की एकता को तोड़ रहे हैं। जो नफरत और बंटवारे को बढ़ावा दे रहे हैं।’
  • किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा, ‘संयुक्त किसान मोर्चा युवा क्लाइमेट एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी का विरोध करता है, जिन्होंने किसानों का समर्थन किया। हमारी मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द और बिना शर्त रिहा किया जाए।’

ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में बेंगलुरु की 22 वर्षीय एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के दूसरे दिन पुलिस उनके दो और करीबियों की तलाश कर रही है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। पुलिस ने इन्हें फरार घोषित किया है। इनकी तलाश में छापा भी मारा गया है। पुलिस ने अभी इतनी ही जानकारी दी है कि टूलकिट केस में ये दोनों भी शामिल हैं।

उधर, दिशा की गिरफ्तारी का विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा- डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से। चिदंबरम ने कहा कि क्या एक टूलकिट चीन की भारतीय सीमा में घुसपैठ से ज्यादा खतरनाक है?

दिशा ने टूलकिट एडिट की और उसे सर्कुलेट किया- पुलिस
दिशा की गिरफ्तारी ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर की गई टूलकिट को एडिट करने और उसे सर्कुलेट करने के आरोप में की गई है। दिल्ली की अदालत ने दिशा को 5 दिन स्पेशल सेल की कस्टडी में भेजा है। स्वीडन की एक्टिविस्ट ग्रेटा ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए थे और इस टूलकिट को शेयर किया था। भारत सरकार ने इस पर ऐतराज जताया तो ट्विटर ने ट्वीट डिलीट कर दिए। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों को खिलाफ केस दर्ज किया।

दिशा ने ही टूलकिट को ग्रेटा के साथ शेयर किया था
दिल्ली पुलिस ने रविवार यानी 14 फरवरी को दिशा को अरेस्ट किया। दिशा भी क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन शुरू करने वालों में शामिल दिशा ने टूलकिट का गूगल डॉक बनाकर उसे सर्कुलेट किया। इसके लिए उसने वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था। वह इस टूलकिट की ड्राफ्टिंग में भी शामिल थी।

गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेताओं के तीखे बयान

प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से।’

पी चिदंबरम ने कहा कि भारत बेतुकी चीजों का मंच बनता जा रहा है। ये बहुत दुख की बात है कि दिल्ली पुलिस तानाशाहों के हाथ की कठपुतली बन गई है।

जयराम रमेश ने दिशा की गिरफ्तारी पर कहा, ‘ये घटिया हरकत है। अनचाहा उत्पीड़न है और धमकाने वाला काम है।’

शशि थरूर ने कहा, ‘भारत में किसान आंदोलन को दबाने के लिए जिस तरह से राजनीतिक विरोध और वैचारिक आजादी पर हमले हो रहे हैं, दिशा रवि की गिरफ्तारी उसमें नया कदम है। क्या भारत सरकार को दुनिया में अपनी छवि खराब होने की जरा भी परवाह नहीं है?’

लेफ्ट, सपा और किसान नेता भी नाराज

लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि मोदी राज ये सोचता है कि किसानों की पोती को गिरफ्तार करने से किसानों का संघर्ष कमजोर पड़ जाएगा। दरअसल, ये गिरफ्तारी देश के युवाओं को जगाएगी और लोकतंत्र को मजबूत करेगी।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘सवाल ये है कि उन लोगों को कब गिरफ्तार किया जाएगा, जो अपने शब्दों की टूलकिट से सुबह-शाम देश और समाज की एकता को तोड़ रहे हैं। जो नफरत और बंटवारे को बढ़ावा दे रहे हैं।’

किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा, ‘संयुक्त किसान मोर्चा युवा क्लाइमेट एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी का विरोध करता है, जिन्होंने किसानों का समर्थन किया। हमारी मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द और बिना शर्त रिहा किया जाए।’

कमला हैरिस की भांजी मीना ने भी सवाल उठाया

अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी और पेशे से वकील मीना हैरिस ने क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भारतीय अधिकारियों ने एक अन्य फीमेल एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया है, क्योंकि उसने किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए सोशल मीडिया टूलकिट पोस्ट किया। सरकार से पूछना चाहिए कि आखिर वो क्यों एक्टिविस्ट को टारगेट कर रहे हैं।’

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