नई दिल्ली। आज के समय में मेडिकल ट्रीटमेंट की लागत में तेजी से इजाफा होता जा रहा है और किसी बीमारी में निजी हॉस्पिटल में भर्ती होने पर आपकी पूरी जिंदगी की कमाई जा सकती है, ऐसे में आपको अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए।
आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से कई तरह के स्कीमों को निकाला जा रहा है और हर व्यक्ति अपनी जरूरत के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस ले सकता है। वहीं, कॉरपोरेट सेक्टर के कर्मचारियों की बात जाए, तो नियोक्ता की ओर से प्रत्येक कर्मचारी और उनके परिवार को ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाता है, लेकिन ये नौकरी छोड़ने के साथ ही समाप्त हो जाता है। ऐसे में लोगों को ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस के साथ एक अन्य कवर भी लेना चाहिए, जिससे भविष्य में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
ग्रुप हेल्थ इंश्योरेस के साथ किसी भी नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए टॉप-अप और सुपर टॉप अप प्लान लेना किफायती रहता है, जिनके बारे हम बताने जा रहे हैं।
टॉप-अप और सुपर टॉप अप प्लान को कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेस के साथ लिया जा सकता है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है यह हेल्थ इंश्योरेस पर टॉप अप होता है। उदाहरण के लिए अगर किसी नौकरी पेशा के पास व्यक्ति 2 लाख रुपये का कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेस है और वह 2 लाख रुपये के डिडक्टेबल के साथ 5 लाख का टॉप-अप प्लान लेता है। इसका मतलब यह है कि अगर हॉस्पिटल में भर्ती होने पर इंश्योरेसहोल्डर का 2 लाख से अधिक बिल आता है, तो उसे इंश्योरेस कंपनी की ओर से क्लेम का भुगतान किया जाएगा।
दोनों हेल्थ इंश्योरेस में सबसे बड़ा अंतर यह है कि टॉप-अप में एक साल में हर बार क्लेम करने पर आपको अपने मेडिकल बिल में से 2 लाख रुपये भरने होंगे, जबकि सुपर टॉप-अप केवल पहले ही क्लेम में ऐसा करना होगा और बाकी क्लेम में आपको पूरा भुगतान इंश्योरेस कंपनी की ओर से कर दिया जाएगा।
टॉप-अप या सुपर टॉप-अप प्लान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये अन्य हेल्थ इंश्योरेस स्कीमों के मुकाबले अधिक किफायती होते हैं और सभी बेसिक सुविधाएं सामान्य हेल्थ इंश्योरेस जैसी मिलती हैं।