डाक्टर एंडरसन के ‘आरएसएस’ कार्यपद्धति पर संबोधन को ले कर भारी उत्साह

लॉस एंजेल्स। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कार्यपद्धति और इसके कार्यकलापों पर  अमेरिका के एक प्रमुख विद्वान डाक्टर वाल्टेर एंडरसन 17 मई की सायं यहाँ भारतीय विचार मंच  के कार्यक्रम में ज़ूम पर ‘आनलाइन प्रस्तुति’ देंगे। इसके लिए  हिंदू स्वयं सेवक संघ और इस से संबंधित संगठनों के सदस्यों में बड़ा उत्साह है।  भारतीय विचार मंच, लॉस एंजेल्स चेप्टर एक ग़ैर सरकारी स्वयं सेवी संगठन है, जो पिछले दो दशक से कार्यरत है। इसमें जाने माने वैज्ञानिक, अर्थ शास्त्री, चिकित्सक और आई टी पेशेवर के मानद सदस्य हैं, जिनकी गिनती  हिंदू स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं के रूप में होती है।

 

डाक्टर वाल्टेर और श्रीधर दामले  अपने संबोधन में मुख्यतया चार बिन्दुओं पर प्रकाश डालेंगे, जिनमें पिछले 25 वर्षों में आर एस एस और इस से सम्बद्ध सौ संगठनों ने कैसे इतने वेग से काम किया, समाज के विभिन्न वर्गों  में  ये संगठन थोड़े से समय में अपनी पैठ जमा सके। इस तेज़ी से फैले कार्य में ऐसे कौन कौन से मूलभूत तत्व रहे, जिसकी बदौलत राजनीतिक क्षेत्र में  संघ की नीतियों और उसके कार्यकलापों का तेज़ी से प्रभाव पड़  सका।

विदित हो, डाक्टर वाल्टेर एंडरसन और महाराष्ट्र से शिकागो में आ कर बसे स्वतंत्र पत्रकार श्रीधर दामले की रचित पुस्तक ‘आर एस एस : ए व्यू टू दि इंसाइड़’ पुस्तक  को ‘दि टाटा लिट्रेचर अवार्ड कमेटी से सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का अवार्ड भी मिल चुका है। डाक्टर वाल्टेर पिछले दिनों ख़ुद राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक प्रति भेंट कर चुके हैं।
लेखक ने इस पुस्तक में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की कार्य पद्धति और इस से सम्बद्ध  भारतीय जनता पार्टी सहित सौ विभिन्न संगठनों के कार्यकलापों की चर्चा करते हुए कहा है कि संघ ने पिछले 25 वर्षों में समाज के विभिन्न वर्गों – राजनीति, छात्र, मीडिया, श्रम आदि संगठनों में जिस तेज़ी से क़दम बढ़ाया है, वह उल्लेखनीय है। इस पुस्तक में इस बात का विशेष उल्लेख किया गया है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहे हैं।
न्यूयॉर्क में जन्मे डाक्टर वाल्टेर एंडरसन ने जाने माने प्रो॰ लायड आई रूडोल्फ़ सुसाने एच॰ रूडोल्फ़ की देखरेख में यूनिवर्सिटी आफ शिकागों में धार्मिक राजनीति के परिप्रेक्ष में डाक़्टरेट की डिग्री हासिल की थी। वह शिकागो में राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर रहे हैं और दिल्ली में अमेरिकी राजदूत के विशेष सहायक के रूप में काम कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here