सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी सीट पर उपचुनाव के लिए पूरा यादव परिवार एक हो चुका है। अखिलेश से मतभेद भुलाकर शिवपाल ने भी बहू डिंपल को जिताने के लिए ताकत झोंक दी है। वह गांव-गांव जनसंपर्क में लगे हैं। छह साल में चार बार एक साथ आ चुके शिवपाल और अखिलेश को लेकर हालांकि दोनों नेताओं के समर्थकों में कई तरह की संशय भी हैं। शिवपाल यादव ने इस संशय को शुक्रवार को दूर करने की कोशिश भी की। शिवपाल ने बताया कि कैसे अखिलेश के साथ बनीं दूरियां कम हुईं।
शिवपाल यादव अपने विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर में कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए बताया कि बहू ने फोन किया था। बहू ने कहा कि चाचा हम चुनाव लड़ेंगे आप साथ आ जाओ। डिंपल ने कहा था कि एक साथ रहना है। बहू लड़ रही थी इसलिए हम लोग एक हो गए। बहू का कहना मान लिया। शिवपाल ने कहा कि अखिलेश से भी कह दिया है कि हम लोग अब हमेशा साथ रहेंगे।
शिवपाल ने कहा कि अब अगर अखिलेश गड़बड़ करेंगे तो बहू है। वह हमारी गवाह है। हम दोनों के बीच अब कोई दिक्कत हुई तो बहू गवाही देगी। शिवपाल यादव ने आगे की चुनावी रणनीति की भी घोषणा की। शिवपाल ने कहा कि अब एक दो चुनाव ही लड़ेंगे। आगे अब लड़के ही चुनाव में उतरेंगे।
वहीं, प्रचार के दौरान शिवपाल यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि एकजुट होकर मैनपुरी चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दें, हमसे व नेताजी से ज्यादा वोट देकर डिंपल को जिताएं। शिवपाल यादव ने गुरुवार को 12 से अधिक गांवों में जाकर लोगों से सीधा संपर्क करके डिंपल के लिये वोट मांगे। लोगों के बीच जाकर नुक्कड़ सभाएं भी कीं। शिवपाल उन गांवों में भी गए जहां गैर यादव बिरादरी के वोट हैं।
ग्राम निलोई में जाकर सभा की और कहा कि ये चुनाव हमारी और अखिलेश की प्रतिष्ठा का चुनाव है। हम पर परिवारवाद का आरोप लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि जसवंतनगर क्षेत्र से रघुराज शाक्य को बुरी तरह हरा दें। यदि भाजपा को यहां से बुरी तरह हरा दिया तो नेता जी को भी बड़ी श्रद्धांजलि होगी। शिवपाल सिंह यादव ने धरवार, धौलपुर खेड़ा महामई, आलई, धनुआ गांवों में भी गये।