नई दिल्ली। भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बड़े पैमाने पर चिंता जताई जा रही है। इस बीच डेल्टा वैरिएंट केसेज में इजाफा देखने को मिल रहा है। वहीं कोरोना के रूप में भी लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। इसने भारत के लिए तीसरी लहर का खतरा और बढ़ा दिया है। एक फॉरेन ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में यह चिंता जाहिर की है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की चीफ इकॉनमिस्ट तन्वी गुप्ता जैन का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा ज्यादा दिखाई दे रहा है। आर्थिक गतिविधियों में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं कई राज्यों में भी लगातार कोरोना संबंधी कड़ाइयों में छूट दी जा रही है।
इसने भी कहीं न कहीं खतरा बढ़ाया है। यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीनेशन की रफ्तार में भी बीते दिनों में कमी आई है। जहां पहले हर रोज 4 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा था। वहीं अब यह आंकड़ा 3.4 लाख प्रति डोज रोजाना पर आ चुका है। वहीं कोरोना के कुल केसेज में से 45 फीसदी केस ग्रामीण इलाकों में मिल रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 20 फीसदी जिलों में अभी भी दूसरी लहर की रफ्तार कम नहीं हुई है। यहां अब भी हर रोज बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। करीब एक महीने पहले यहां पर कोरोना के नए केसेज की रफ्तार घटकर पांच परसेंट पर रह गई थी। इसके चलते भी तीसरी लहर की चिंता और ज्यादा सताने लगी है।
तन्वी गुप्ता ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि भले ही आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं, लेकिन यह अभी भी मिला-जुला ही है। उन्होंने बताया कि रेलवे और घरेलू उड़ानों के यात्री बढ़े हैं, लेकिन टोल कलेक्शन अभी भी उस तरह से नहीं है। वहीं गर्मी के चलते बिजली की मांग में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है, लेकिन रेलवे भाड़े में हर हफ्ते 1.9 फीसदी की गिरावट आई है। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट उस समय आई है, जब भारत में हर रोज कोरोना केसेज में अचानक से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।