तो अब एलन मस्क ट्विटर के गर्वीले स्वामी बन चुके हैं। यहां खतरा यह नहीं है कि एक तुनकमिजाज अरबपति के हाथ में निर्णय की ताकत आ गई है- क्योंकि यह तो अतीत में भी हुआ है और आगे भी होता रहेगा। खतरा यह है कि उस व्यक्ति के हाथ में अब उस चीज का पूर्ण नियंत्रण होगा, जिसे उचित ही ‘डिजिटल-चौराहे’ की संज्ञा दी जाती है।
मस्क महोदय 21वीं सदी के तकनीक-आधारित, चरम पूंजीवाद के प्रतिनिधि चेहरे हैं। उन्होंने तेजी से विघटित हो रहे नियामक राज्यतंत्र के कारण उभरे अवसरों का अपने पक्ष में दोहन किया है। उन्होंने निवेशकों और लॉबीइस्टों, वकीलों और प्रशंसकों की एक फौज खड़ी कर दी है। उन्होंने खुद को तकनीकी दुनिया के एक ऐसे जीनियस के रूप में स्थापित किया है, जो नियम तोड़ता है, नियमों का इस्तेमाल करता है, अपने लिए काम करने वालों से पाई-पाई की कीमत वसूलता है और अपना विरोध करने वालों का मखौल उड़ाता है।
मस्क अपनी अकूत सम्पदा का मनचाहा इस्तेमाल करते हैं और अपनी शाहखर्ची को मानवता के लिए हितकारी करार देते हैं। वे कहते हैं कि वे हमारे लिए संकटमोचक हैं और वैसा वे अपनी इलेक्ट्रिक कारों की मदद से करेंगे। वे अपने सैटेलाइट सिस्टम्स से यूक्रेन को बचाने का दावा करते हैं। अलबत्ता उनकी जिद है कि ये तमाम नेक काम करने के लिए उन्हें सरकारी दखलंदाजी से मुक्त रखा जाए। यह पहली बार नहीं है। बीती दो सदियों से अमेरिकियों के जीवन को मस्क जैसे लोग ही संचालित कर रहे हैं।
इन लोगों ने हमारी इकोनॉमी और रोजमर्रा की जिंदगी को बदला है (और वैसा करके अपनी जेबें भरी हैं)। सरकार से उनका चोली-दामन का रिश्ता रहता है, क्योंकि उन्हें भारी-भरकम सब्सिडियां और सुरक्षा चाहिए। साथ ही वे आग्रह करते हैं कि उन्हें अपने तरीके से बिजनेस करने की भरपूर छूट दी जाए। मस्क ने अपना साम्राज्य टेस्ला को मिली अरबों डॉलर की सब्सिडी के बूते खड़ा किया है।
साथ ही नासा अनुबंधों से भी उन्होंने अरबों कमाए, ताकि वे अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में ले जाएं, सैटेलाइट्स लॉन्च करें और अपनी 3000 सैटेलाइट्स को हाईस्पीड इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराएं। लेकिन औद्योगिक-युग के धनाढ्यों की तुलना में मस्क इसलिए अधिक ताकतवर और खतरनाक हैं, क्योंकि उनमें केवल एक ट्वीट से बिजनेस बढ़ाने और राजनीतिक मनसूबों को अमल में लाने की काबिलियत है।
मीम स्टॉक्स, डे ट्रेडिंग, त्वरित संवाद, भ्रामक सूचनाओं और गलत जानकारियों के इस दौर में एलन मस्क मीडिया और मार्केट की बहुत बारीक समझ रखते हैं। अतीत के उद्योगपति अपनी कम्पनियों को प्राइवेट रखते थे, ताकि उन्हें बाहर के निवेशकों, प्रभावों और बाजार की स्थितियों का सामना न करना पड़े।
मस्क ने इसका ठीक विपरीत किया है। उनकी सम्पत्ति उनके द्वारा निर्मित फैक्टरियों के कारण नहीं है, न ही उसका सम्बंध उनके द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों या उनके द्वारा अधिग्रहीत रीयल एस्टेट से है। उनकी सम्पदा का आधार है टेस्ला, स्पेसएक्स, क्रिप्टोकरेंसी कम्पनियों और ट्विटर में उनके स्वामित्व वाले शेयर्स से मिलने वाले अरबों डॉलर।
अगस्त 2018 में उन्होंने टेस्ला के शेयर्स को लेकर एक ट्वीट किया था, जिसके बाद सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने आरोप लगाया कि मस्क के भ्रामक ट्वीट्स से टेस्ला की स्टॉक कीमतें 6 प्रतिशत बढ़ गईं। कमीशन ने मस्क पर मुकदमा भी दायर किया था। द इकोनॉमिस्ट का कहना है मस्क इस विचार को आगे बढ़ाते हैं कि निवेश के साधारण नियम अब कारगर नहीं हैं।
रेगुलेटरों को वे तरक्की के दुश्मनों की तरह देखते हैं। अधिकारियों के लिए वे असंसदीय शब्दों का उपयोग करते हैं। मस्क के ट्विटर का स्वामी बन जाने के राजनीतिक परिणाम भी होंगे और इससे आर्थिक उथलपुथल भी होगी। उन्होंने इस बात के संकेत तो पहले ही दे दिए हैं कि वे डोनाल्ड ट्रम्प को फिर से ट्विटर पर लाना चाहते हैं। वे खुद को एक ऐसे व्यक्ति की तरह चित्रित करना चाहते हैं, जो फ्री स्पीच के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है।
वे सेंसरशिप के पर कतरने को उत्सुक हैं और कंटेंट मॉडरेशन के नियमों में ढील देने के पक्षधर हैं। आपको इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि मस्क की मिल्कियत वाला ट्विटर फ्री स्पीच के नाम पर गलत जानकारियों और भ्रामक सूचनाओं को बढ़ावा देने वाला है।
अब आपको इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि एलन मस्क की मिल्कियत वाला ट्विटर अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर गलत जानकारियों और भ्रामक सूचनाओं को बढ़ावा देने वाला है।
(द न्यूयॉर्क टाइम्स से साभार)