काबुल। अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्रालय ने ऐलान किया है कि देश में हायर एजुकेशन का सिलेबस बदला जाएगा। ऐसे सब्जेक्ट्स जो शरिया कानून के खिलाफ होंगे, उन्हें हटा दिया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि आने वाले समय में वे ऐसा स्टडी प्रोग्राम भी शुरू करेंगे जिसके तहत छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जा सकें।
तालिबानी राज में हाल ही में अफगानिस्तान में निजी यूनिवर्सिटी और दूसरे हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट खोले गए। खुलने के साथ ही दुनियाभर में इसकी आलोचना होने लगी क्योंकि इसमें लड़के और लड़कियों को अलग-अलग बिठाया गया था और उनके बीच पर्दे से आड़ की गई थी।
क्लास में लड़के-लड़कियों का साथ बैठना मंजूर नहीं
हायर एजुकेशन मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री शेख अब्दुल बाकी हक्कानी ने रविवार को कहा कि लड़के और लड़कियों की मिलीजुली क्लास कबूल नहीं की जाएगी और सिलेबस में कुछ बदलाव किए जाएंगे। सभी बदलाव इस्लामिक शरिया कानून के मुताबिक ही होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक हफ्ते के अंदर सरकारी यूनिवर्सिटी भी शुरू हो जाएंगी।
28 दिन बाद काबुल पहुंची पहली कमर्शियल फ्लाइट
तालिबान के कब्जे के बाद पहली बार काबुल में इंटरनेशनल कमर्शियल फ्लाइट पहुंची है। सोमवार को पाकिस्तानी इंटरनेशनल एयरलाइन्स का प्लेन काबुल पहुंचा। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, इसमें करीब 10 लोग सवार थे।
काबुल में लौटेगी वर्दी वाली अफगानी पुलिस
काबुल में अफगानी पुलिस की वापसी होने जा रही है। तालिबान ने तय किया है कि यहां तैनात तालिबानी फोर्स को प्रांतों में भेजा जाएगा और यहां वर्दी पहने अफगानी पुलिस को फिर से तैनात किया जाएगा। यह अफगान पुलिस वही होगी जो पिछली सरकार के समय तैनात हुआ करती थी। इसके साथ अब तालिबानी फोर्स और पुलिस की वर्दी एक जैसी होगी।
तालिबान के सांस्कृतिक समीशन के सदस्य ने अनाममुल्लाह समनगनी ने बताया कि मौजूदा तालिबानी फोर्स जिसके पास वर्दी नहीं है, उसे काबुल से ट्रांसफर करके प्रांतों में मिलिट्री पोस्ट पर भेजा जाएगा। समनगनी ने यह नहीं बताया कि काबुल में कितनी पुलिस और कितनी सेना तैनात की जाएगी।
समनगनी ने कहा कि पुलिस और वर्दी वाली सेना, जिसने अपने क्षेत्र में ट्रेनिंग और स्किल हासिल किया है, उसे जल्द ही काबुल की सिक्योरिटी संभालने की जिम्मेदारी दी जाएगी। उसके बाद, जो मुजाहिदीन अलग-अनग पुलिस विभागों में तैनात किए गए हैं और जिनके पास यूनिफॉर्म नहीं है, उन्हें प्रांतों के पुलिस हेडक्वार्टर और आर्मी कोर में तैनात किया जाएगा।
लोग चाहते हैं यूर्निफॉर्म वाली पुलिस करे शहर की रखवाली
काबुल के कई नागरिकों ने कहा है कि शहर की सुरक्षा के लिए वर्दी वाली फौजों को तैनात किया जाना चाहिए, ताकि खुद को तालिबान बताकर अपराध करने वाले बंदूकधारियों को रोका जा सके। नागरिकों का कहना है कि, लोगों को यूर्निफॉर्म वाली पुलिस की आदत है और उनके होने पर लोग ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।
कतर के विदेश मंत्री काबुल पहुंचे
अमेरिका और तालिबान के बीच मध्यस्थता करने वाले कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी रविवार अचानक काबुल पहुंचे। थानी ने सबसे पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद से लंबी बातचीत की।
इसके बाद वे पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और उसके बाद नेशनल रिकन्सीलिएशन काउंसिल के मुखिया अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मिलने पहुंचे। माना जा रहा है कि कतर के जरिए अमेरिका और दुनिया की बड़ी ताकतें तालिबान पर समावेशी सरकार के लिए दबाव बनाना चाहती हैं।
अफगानी लोगों की तालिबान से मांग- सरकारी दफ्तरों को खोला जाए
तालिबान ने पिछले हफ्ते 33 सदस्यों वाली कैबिनेट कमेटी का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन सरकारी दफ्तर अब तक खोले नहीं गए हैं। इसे लेकर अफगानी नागरिकों ने तालिबान से मांग की है कि वे जल्द से जल्द सरकारी दफ्तरों का काम शुरू कराएं।
हेरात प्रांत के रहने वाले नूर आगा ने बताया कि कई नागरिक पासपोर्ट ऑफिस के खुलने का इंतजार कर रहे हैं। वे खुद पाकिस्तान जाकर इलाज कराना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें पासपोर्ट की जरूरत है। दूसरे नागरिक सायेद वली ने कहा- जिन्हें सरकार में चुना गया है उन्हें काम शुरू करना होगा। लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं।
परेशानी सिर्फ काबुल के नागरिकों को नहीं हो रही है, कुंदुज प्रांत के लोग भी ऐसी ही चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यहां नागरिक बैंकों के खुलने का भी इंतजार कर रहे हैं। आमिर मोहम्मद ने कहा कि मुझे पैसे भेजने होते हैं, इसलिए बैंक न खुलने से दिक्कत हो रही है।
तालिबान ने कहा- जल्द खुलेंगे दफ्तर
तालिबान कल्चरल कमीशन ने बताया कि बीते एक-दो दिन से सरकार में चुने गए सभी लोग अपने-अपने क्षेत्रों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। इसके बाद वे आधिकारिक रूप से काम शुरू करेंगे।