इस्लामाबाद। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने अफगानिस्तान में तालिबान राज का बचाव करते हुए कहा है कि उसे वक्त दिया जाना चाहिए। रशीद अहमद ने कहा कि दुनिया यदि यह सोचे कि अफगानिस्तान 8 दिनों में किसी स्कैंडिनेवियाई देश की तरह समृद्ध हो जएगा तो यह गलत है। स्वीडन, डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, आइसलैंड जैसे देशों को स्कैंडिनेवियाई कहा जाता है। इन देशों में आबादी कम है और समृद्धि एवं जीवन स्तर के मामले में तमाम बड़े मुल्कों से कहीं आगे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान के खातों को फ्रीज करने को भी गलत बताते हुए कहा कि इससे देश में मानवीय संकट बढ़ जाएगा। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका सीधा इशारा अमेरिका की ओर ही था। अमेरिकी फेडरल बैंक में अफगानिस्तान के 9 अरब डॉलर जमा हैं, लेकिन उसे अमेरिका ने तालिबान की सत्ता आते ही फ्रीज कर दिया है।
रशीद ने कहा कि हमें उम्मीद करनी चाहिए कि तालिबान कड़े कदम उठाएगा और अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल इस्लामिक स्टेट एवं पाकिस्तान तालिबान के आतंकियों को नहीं करने देगा। उसने ऐसा ही वादा किया है। रशीद अहमद ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि दुनिया के 8 देशों के इंटेलिजेंस चीफ शनिवार तक पाकिस्तान का दौरा कर चुके हैं। इनमें दो सुपरपावर भी शामिल हैं। यही नहीं रशीद ने भारत पर तंज कसते हुए कहा कि मौजूदा स्थितियों में उसकी इच्छाएं पूरी नहीं हो सकती हैं।
इसके साथ ही पंजशीर में अपनी सेना के शामिल होने के आरोपों पर भी रशीद ने सफाई दी। पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि पंजशीर घाटी में पाकिस्तानी सेना के शामिल होने के आरोप गलत हैं। रशीद ने पाक सेना का बचाव करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में हमारा उद्देश्य सिर्फ शांति, स्थिरता और विकास है।
उन्होंने कहा कि हमारी सेना अपनी सीमाओं पर ही डटी है और देश की आतंकवाद से सुरक्षा के लिए काम कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने तालिबान के साथ अमेरिका का समझौता कराने का भी क्रेडिट लिया। शेख रशीद ने कहा, ‘हमने मुल्ला बरादर की अमेरिका से बात कराई। दोनों पक्षों के बीच समझौते के लिए प्रयास किए ताकि शांति स्थापित हो सके।’