…तो अब दिल्ली भाजपा में भी सब ठीक नहीं है?

नई दिल्ली। इन दिनों भाजपा का हाल कांग्रेस जैसा हो गया है। पिछले कुछ दिनों से कई राज्यों में कांग्रेस के भीतर कलह की खबरें आ रही है। ऐसा ही कुछ भाजपा के साथ भी हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से भाजपा में अंदरूनी कलह मची हुई है। सबसे पहले शुरुआत यूपी में हुई। उसके बाद मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से भी ऐसी खबरें आई। अब खबर है कि भाजपा की दिल्ली प्रदेश यूनिट में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

पार्टी के कुछ नेताओं में असंतोष है जो कि पिछले कुछ दिनों से ज्यादा बढ़ गया है। इसकी मुख्य वजह दो प्रवक्ताओं को वॉट्सऐप ग्रुप्स से निकालना है। पिछले दिनों जिन दो लोगों को बीजेपी प्रदेश यूनिट ने वॉट्सऐप ग्रुप्स से निकाला उसमें तेजिंदर पाल बग्गा और नेहा शालिनी दुआ शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार इन दोनों नेताओं को पार्टी के वॉट्सऐप ग्रुप्स से निकाला गया था। वहीं दिल्ली बीजेपी की मीडिया टीम के हेड नवीन कुमार ने दावा किया कि पार्टी में सब कुछ ठीक है। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने अपने फोन बदले होंगे, या ऐसी कोई तकनीकी वजह होगी, जिससे वे ग्रुप से डिलीट हो गए।

तेजिंदर पाल बग्गा, भाजपा का जाना पहचाना चेहरा हैं। जानकारी के अनुसार बग्गा को शनिवार को पार्टी के दो वॉट्सऐप ग्रुप्स में से हटाया गया था। इसमें मुख्य तौर पर पार्टी के मीडिया टीम के सदस्य थे। हालांकि, मंगलवार को उनको दोबारा से ग्रुप में शामिल किया गया, लेकिन फिर बग्गा खुद वॉट्सऐप ग्रुप्स से बाहर हो गए।

इसके अलावा बग्गा ने ट्विटर पर अपने बायो में से अब ‘बीजेपी प्रवक्ताा’ भी हटा लिया है। बग्गा से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं से इस बारे में बात की जानी चाहिए।

दिल्ली में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में बग्गा हरी नगर सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन वह हार गए थे। बग्गा चाहते थे कि उनको पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिले, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

दूसरी तरफ शालिनी दुआ को भी ग्रुप्स से निकाला गया है। वह कुछ समय पहले ही दिल्ली बीजेपी में शामिल हुई थीं। उन्हें इस महीने के शुरुआत में ग्रुप्स से हटाया गया था। सूत्रों ने बताया कि पिछले शनिवार को उन्हें फिर से जोड़ा गया। दिल्ली बीजेपी की मीडिया टीम में 25 से अधिक प्रवक्ता हैं।

हरीश खुराना के साथ भी ऐसा ही हुआ था

इससे पहले ऐसा ही कुछ हरीश खुराना के साथ हुआ था। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बेटे हरीश पदाधिकारियों की नियुक्ति में उनकी ‘वरीयता’  को नजरअंदाज करने के बाद करीब एक महीने पहले दिल्ली बीजेपी की मीडिया टीम के व्हाट्सएप समूहों से हट गए थे।

कुछ महत्वपूर्ण पद दिए जाने की उनकी इच्छा को नजरअंदाज करने के बाद उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने की धमकी दी थी। बाद में दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने उन्हें मनाया और उन्हें पार्टी में मीडिया संबंधों के प्रमुख का पद दिया गया।

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