नई दिल्ली। भारत में हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से हो रहा है। यात्रा सुगम बनाने और आर्थिकी को सशक्त करने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है, लेकिन एक सत्य यह भी है कि भारत में सड़कों की खराब डिजाइन, कम गुणवत्ता का निर्माण और गड्ढों आदि के कारण बड़ी संख्या में होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों की जान जाती है। सड़कों पर बाटलनेक, ब्लैक स्पाट्स और तेज घुमाव वाले मोड़ खासे खतरनाक साबित होते हैं।
खराब रोड डिजाइन
यह सड़कों पर गड्ढों का सबसे प्रमुख कारण है। लागत कम रखने के लिए ठेकेदार कमतर सामग्री का प्रयोग करते हैं जिससे गुणवत्ता प्रभावित होती है। एेसी कमजोर सड़कों पर लगातार वाहन चलने से दरारें आती हैं जो बाद में गड्ढों में तब्दील हो जाती हैं।
सही मरम्मत न होना
सड़कों पर गड्ढों का एक और अहम कारण सड़क की मरम्मत सही तरीके से न होना भी है। इससे कुछ ही समय में उस स्थान पर फिर गड्ढे हो जाते हैं।
ओवरलोड वाहन
सड़कों की भार वाहन क्षमता निर्धारित होती है, लेकिन ओवरलोड वाहनों से इन पर अतिरिक्त भार पड़ता है और फिर धीरे धीरे सड़कों पर गड्ढे बन जाते हैं।
- 75,000 लोगों की मृत्यु भारत में सड़कों की खराब हालत के कारण वर्ष 2020 में हुई
- 2,160 व्यक्तियों की मौत भारत में कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 में सड़कों की तीक्ष्ण ढलान और मोड़ पर हुई
- 3,564 सड़क दुर्घटनाएं भारत में वर्ष 2020 में गड्ढों के कारण हुईं। संसद में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी गई
- 2,140 लोगों की मृत्यु भारत में वर्ष 2020 में सड़कों पर गढ्ढों के कारण हुई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई हैं
सड़क की डिजाइन से गंभीर चिंता
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी कह चुके हैं कि देश में सड़कों की खराब डिजाइन मार्ग दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है। इसे दुरुस्त करने के लिए सख्ती की जा रही है। मंत्रालय की एक रिपोर्ट में भी इस कमी का उल्लेख किया गया है। गडकरी ने बीते वर्ष कहा था कि गड्ढों के कारण सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं,लेकिन वर्ष 2016 से 2020 के बीच इनमें कमी हुई है।