नई दिल्ली। बहुत कम खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो बगैर रणजी खेले ही सीधे टेस्ट क्रिकेट में उतर जाते हैं। पार्थिव पटेल उन्हीं खिलाडिय़ों में से एक थे जिन्होंने महज 17 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था।
इंग्लैंड के खिलाफ ट्रेंट ब्रिज में दूसरे टेस्ट में उनको मौका दिया गया था। रोचक बात यह है कि दो साल भारत को खेलने के बाद रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया था।
इंग्लैंड की मजबूत गेंदबाजी के आगे पार्थिव पटेल काफी असहज नजर आ रहे थे। मैथ्यू होगार्ड, स्टीव हार्मिसन और एंडयू फ्लिंटॉफ जैसे तेज गेंदबाजों का सामना करना आसान नहीं था।
हालांकि पार्थिव पटेल पहली पारी में अपना खाता भी नहीं खोल सके और शून्य स्कोर पर चलते बने। दूसरी पारी में नाबाद 19 रन बनाये।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पार्थिव पटेल को मौका दिया गया था लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उनका खूब मजाक बनाया था। 2003-04 में स्टीव वॉ अपना अंतिम टेस्ट सिडनी में खेल रहे थे।
पार्थिव पटेल स्लेजिंग कर रहे थे। तब स्टीव वॉ ने पटेल से कहा,कि कुछ सम्मान दिखाओ, जब तुम नैपी में थे, तब मैं पहला टेस्ट मैच खेल रहा था। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी का पार्थिव पटेल ने डटकर सामना किया था।
इसके बाद पार्थिव पटेल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा लेकिन धोनी युग में उनका करियर गर्त की ओर बढ़ गया था।
दरअसल धोनी के धमाकेदार करियर के आगे पार्थिव का क्रिकेट करियर कही खो गया। इसका नतीजा यह रहा कि वक्त से पहले पार्थिव पटेल का करियर खत्म हो गया है।
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है।
वरिष्ठ खेल पत्रकार आदित्य श्रीवास्तव बताते हैं कि पार्थिव पटेल में प्रतिभा थी लेकिन धोनी की वजह से उनका करियर आगे नहीं बढ़ सका।
उन्होंने बताया कि पार्थिव पटेल ने वक्त के हिसाब से अपना गेम भी बदला। इस वजह से उन्होंने आईपीएल में लम्बी पारी खेली।
पार्थिव पटेल ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड व दक्षिण अफ्रीकी की तेज पिच पर दुनिया के खतरनाक गेंदबाजों का जाबांजी के साथ मुकाबला किया।
पार्थिव पटेल 2017-18 में जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ प्लेइंग इलेवन में थे। उन्होंने एक बार इस दौरे को याद करते हुए कहा था कि जोहानिसबर्ग की विकेट पर खेलना बहुत कठिन होता है।
लेकिन हेडिंग्ले (2002), एडीलेड (2003-04) या जोहानिसबर्ग (2017-18) ऑस्ट्रेलिया (2018-19) मेरे करियर के ऐसे पल हैं, जिन पर मैं गर्व कर सकता हूं।
पार्थिव पटेल ने सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की घोषणा की है। उन्होंने ट्वीट कर अपने संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा है कि मैं आज अपने 18 साल लंबे क्रिकेट करियर को अलविदा कह रहा हूं।
बीसीसीआई ने मुझ पर भरोसा जताते हुए 17 साल की उम्र में ही टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका दिया। बीसीसीआई ने जिस तरह से मेरा साथ दिया है उसके लिए मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा। इस दौरान उन्होंने सौरव गांगुली का शुक्रिया अदा किया।
टेस्ट क्रिकेट: 5 सबसे युवा विकेटकीपर
- पार्थिव पटेल (भारत), 17 साल 152 दिन
- हनीफ मोहम्मद (पाकिस्तान), 17 साल 300 दिन
- तेतेंदा ताइबू (जिम्बाब्वे), 18 साल 66 दिन
- इकराम अलीखिल (अफगानिस्तान), 18 साल 167दिन
- असंका गुरुसिंघे (श्रीलंका), 19 साल 52 दिन
पार्थिव पटेल पर एक नजर
- 25 टेस्ट, 38 वनडे और 2 टी20 इंटरनेशनल मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया
- पार्थिव पटेल ने अपने करियर में 31.13 की औसत से 934 रन बनाए
- 6 अर्धशतक शामिल रहे
- 62 कैच लपके और 10 स्टंप भी किए
- टेस्ट डेब्यू करने वाले सबसे युवा विकेटकीपर रहे
- 2002 में डेब्यू करने के बाद पार्थिव पटेल 2004 तक लगातार भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेले
- 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ ट्रेंट ब्रिज में दूसरे टेस्ट में डेब्यू किया था
- पार्थिव ने अपने वनडे करियर में 23.74 के औसत से 4 अर्धशतकों के साथ 736 रन बनाए
- वनडे में उन्होंने 30 कैच लपके और 9 स्टंप भी किए