…तो क्या कैप्टन की कुर्सी बच गई है लेकिन सिद्धू का क्या होगा ?

नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से पंजाब कांग्रेस में कलह चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि कांग्रेस चाहती है कि पंजाब में सबकुछ ठीक हो जाये। दरअसल पंजाब में अगले साल विधान सभा चुनाव है। ऐसे में कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि वहां पर कैप्टन और सिद्धू के बीच चली आ रही रार अब खत्म हो जानी चाहिए ताकि चुनाव में मजबूती के साथ उतरे।

इसी को देखते हुए कांग्रेस ने कमिटी गठित कर इस मामले को सुलझाने की कोशिश की है। जानकारी के मुताबिक कमेटी अपनी रिपोर्ट बुधवार को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप सकती है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के झगड़े के निपटारे के लिए इस कमेटी ने कुछ सुझाव भी दिये हैं। माना जा रहा है कि बहुत जल्द वहां पर सबकुछ ठीक हो सकता है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े की अध्यक्षता वाली समिति ने चार दिनों में, कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली। इनमें अधिकतर विधायक थे। खडग़े के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल भी इस समिति में शामिल हैं।

बता दें कि पंजाब में कैप्टन के खिलाफ राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ परगट सिंह के मोर्चा खोल रखा है।

हालांकि सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह की कुर्सी अभी बची रहेगी। कांग्रेस बिना किसी बड़े बदलाव और सिद्धू को शांत करना और उन्हें पार्टी में बनाए रखने की कोशिश करेगी।

बता दें कि पंजाब में अगले साल विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में वहां पर कांग्रेस दोबारा सत्ता में वापसी का सपना देख रही है लेकिन पंजाब कांग्रेस में खींचतान भी किसी से छुपी नहीं है। ऐसी चर्चा है कि सिद्धू को सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री शामिल करने और उनके साथ ही किसी हिंदू दलित को दूसरा उप मुख्यमंत्री बनाने की संभावना है।

दरअसल वहां पर कैप्टन अमरिंदर बनाम सिद्धू के बीच रार कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि चुनाव से पूर्व सबकुछ ठीक हो जाये। इसके लिए पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने के लिए गठित की गई कमेटी लगातार वहां के स्थानीय नेताओं से बातचीत कर मामले को सुलझाना चाहती है।

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