तो क्या सच में घातक है कोरोना का नया स्ट्रेन ?

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के थमने का सिलसिला अभी थमा नहीं हैं, लेकिन कई देशों में सामने आने वाले मामलों में कमी जरुर देखी जा सकती है। एक तरफ कई देशों में कोरोना महामारी के बचाव के लिए वैक्सीन लगने की शुरुआत हो चुकी हैं। ब्रिटेन में भी वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। लेकिन इस बीच ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर पूरी दुनिया दहशत में है।

बताया जा रहा है कि कोरोना का यह स्ट्रेन कोविद 19 के वायरस की तुलना में 70 फीसदी अधिक भयानक है। इसी वजह से पूरी दुनिया इसको लेकर काफी चिंतित नजर आ रही है। आलम ये हैं कि भारत सहित दुनियाभर के करीब 40 देशों ने विमान सेवा पर रोक लगा दी है। साथ ही ब्रिटेन से आने जाने वाली फ्लाइट को भी रोक दिया है। ऐसे में ब्रिटेन अलग थलग पड़ता दिखाई दे रहा है।

वहीं, दूसरी तरफ कोरोना महामारी की शुरुआत से ही अपने सुझाव साझा करने वाला विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक राहत भरी खबर दी है। डब्लूएचओ का कहना है कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन अभी ‘आउट ऑफ कंट्रोल’ यानी नियंत्रण से बाहर नहीं गया है। मौजूदा उपयाों के साथ इस पर काबू पाया जा सकता है।

इस मामले में डब्लूएचओ के आपातकाल विभाग के चीफ माइकल रेयान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि, ‘कोरोना महामारी के दौरान हमने कई जगहों पर इससे भी ज्यादा संक्रमण दर देखी है और हमने उस पर काबू भी पाया है। इस तरह देखा जाए तो स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं है, मगर इसे बिना कुछ कदम उठाए ऐसे ही छोड़ा नहीं जा सकता है।’

उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में हमारे पास कोरोना से बचने के लिए जो उपाय हैं, वे सही हैं। ध्यान देने की ये जरुरत है। इससे पहले ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक ने दावा किया था कि कोरोना वायरस का यह नया रूप नियंत्रण से बाहर है। वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है।

उन्होंने आगे कहा कि हमें जो करना चाहिए हम वो कर रहे हैं। हमें बस इसे थोड़ी अधिक तीव्रता के साथ करना होगा और थोड़ी देर के लिए यह सुनिश्चित करना होगा जिससे इस वायरस को नियंत्रण में लाया जा सके। सही मायनों में देखा जाए तो इस पर नियंत्रण पाने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।

अब सवाल ये उठता है कि जब डब्लूएचओ ने ये साफ़ तौर पर कह दिया है कि ब्रिटेन में पाया जाने वाला कोविद 19 का स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक नहीं है तो बाकी देश इसे मानने को क्यों नहीं तैयार हैं, जबकि कोरोना के संक्रमण को लेकर डब्लूएचओ की सभी गाइडलाइन को माना है।कई देशों के ऐसा न करने से ब्रिटेन अलग थलग पड़ता दिखाई दे रहा हैं। ऐसा होने के पीछे क्या वजह हो सकती है?

इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन सामने आने के बाद जर्मनी, इटली, बेल्जियम, डेनमार्क, बुल्गारिया, आयरिश रिपब्लिक, तुर्की और कनाडा के ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही फ्रांस ने भी ब्रिटेन के लिये अपनी सीमाएं बंद करने का फैसला किया है।

वहीं, भारत ने भी ब्रिटेन जाने या वहां से आने वाली उड़ानों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। अन्य देशों और क्षेत्रों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है उनमें हांगकांग, इजराइल, ईरान, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, मोरक्को, चिली और कुवैत शामिल हैं।

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