पुडुचेरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सियासी संकट से जूझ रहे पुडुचेरी पहुंचे। यहांं उन्होंने लगभग 3 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। यहां से वे तमिलनाडु जाएंगे। 14 दिन में मोदी दूसरी बार तमिलनाडु का दौरा करेंगे। यहां वे कोयंबटूर में 12,400 करोड़ रुपए की लागत से कई परियोजनाएं शुरू करेंगे।
विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु में भाजपा का फोकस उस एससी-एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय पर पकड़ बनाना है, जो वहां की आबादी का 30% हैं। इसके अलावा भाजपा उत्तर भारतीय पार्टी होने की छवि को भी तोड़ना चाहती है।
तमिलनाडु मोदी समेत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और स्टार प्रचारक दर्जनों कार्यक्रम कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, मोदी रैली में तमिलनाडु में निचली जातियों के लिए लोकसभा में पेश किए गए बिल पर बोल सकते हैं। यह बिल राज्य की 7 अनुसूचित जातियों को एक नाम देवेंद्रकुला वेलालर्स के तौर पर रहने का रास्ता खोलेगा। इन समुदायों की लंबे समय से यही मांग रही है।
तमिलनाडु में भाजपा के गेमप्लान पर एक्सपर्ट के 3 प्वाइंट
1. राजनीतिक विश्लेषक बिल और लगातार दौरों को भाजपा की उस बड़ी कोशिश के तौर पर देख रहे हैं, जिसके जरिए वो तमिलनाडु के निचले तबके के वोटों को अपने पाले में लाना चाहती है।भाजपा पश्चिमी तमिलनाडु की गाउंडर्स, मदुरई, दक्षिण तमिलनाडु के थेवार समुदाय, उत्तर तमिलनाडु की वानियार्स और नाडर्स समुदाय को भी अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है।
2. पार्टी अपने उन विरोधियों को भी संदेश दे रही हैं, जो कहते हैं कि भाजपा उत्तर भारत की पार्टी है। भाजपा की एक और बड़ी रणनीति खुद को तमिल समर्थक दिखाना है।
3. भाजपा के सामने दूसरी बड़ी चुनौती उत्तर बनाम दक्षिण या हिंदी बनाम तमिल की लड़ाई से निपटना है। यही वजह है कि अपने कार्यक्रमों में मोदी समेत केंद्रीय नेता तमिल भाषा की समृद्धि पर बात करते हैं और यहां के कवियों का जिक्र करते हैं।
तमिलनाडु में मोदी के प्रोग्राम
प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के कोयंबटूर में 12,400 करोड़ रुपए की लागत से कई परियोजनाएं शुरू करेंगे। न्येवेली की बिजली परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इससे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी को भी फायदा होगा। मोदी वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर ग्रिड से जुड़े पांच मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का शिलान्यास भी करेंगे।
तमिलनाडु और पुडुचेरी में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद भाजपा अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है। तमिलनाडु में भाजपा अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर चुनाव मैदान में है, जहां उसका सामना द्रमुक और कांग्रेस के गठबंधन से है।