मेरठ। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को मेरठ में शोषित-वंचित सम्मेलन में अपने तेवर पूरी ताकत और जोश से दिखाए। उन्होंने कहा, ‘हर जाति और बिरादरी ने अपने समाज के लिए कुछ हासिल किया है। मुस्लिमों ने इतनी बड़ी तादात में रहने के बाद भी कुछ हासिल नहीं किया। मुसलमानों को अपनी सियासी ताकत बनाने की जरूरत है। आप चाहते हैं कि यूपी में आपको अपना हिस्सा मिले, तो याद रखो आपको यह करना पड़ेगा’।
उन्होंने कहा कि दलितों, खास तौर से जाटवों ने मायावती को अपना नेता बनाया। यादवों ने अखिलेश को नेता बनाया। चौधरी चरण सिंह से लेकर जयंत तक कहते हैं कि जाट हमारे साथ हैं। कुर्मियों ने अपने नेताओं को पैदा किया। यूपी के CM योगी जरूर हैं, लेकिन ठाकुर उनको अपना नेता मानते हैं। मुसलमानों का कोई नेता नहीं है।
ओवैसी ने कहा, ‘सरकार के मंत्री टेनी के घर में एक साजिश रची गई। उनके बेटे ने अपनी गाड़ी से 4 किसानों को रौंद दिया, मगर मोदी टेनी को अपनी कैबिनेट से नहीं हटाते। अगर हटाया, तो यूपी के ब्राह्मण समाज के लोग नाराज हो जाएंगे। ओवैसी ने कहा कि 34 साल पहले 70 मुसलमानों को गोली मार कर मलियाना में शहीद कर दिया गया था, लेकिन अब तक मुकदमा खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सबसे कम ग्रेजुएट, सबसे ज्यादा ड्रॉपआउट मुसलमान हैं। हमने जनसंघ को हराया। कांग्रेस से नाराज हुए, तो बसपा और सपा का साथ दिया। किसी ने नहीं कहा कि मेरठ से मुसलमान को MP, MLA बनाओ’।
18 साल में वोट दे सकती है, तो शादी क्यों नहीं
ओवैसी ने कहा कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नया कानून ला रहे हैं – ‘बच्चियों की शादी 18 नहीं, 21 साल में होगी। जब 18 साल का आदमी वोट डाल सकता है, बिजनेस शुरू कर सकते हैं। अगर दिल चाहा, तो किसी एक लड़की के साथ जिंदगी भी गुजार सकते हो। कानून यह भी कहता है कि 18 साल में मनपसंद लड़की से सेक्सुअल रिलेशनशिप कर सकते हैं। मोदी कहते हैं कि 18 में शादी नहीं कर सकते। मोदी को शादी जैसे इंस्टीट्यूशन से घबराहट क्यों है? जब 18 साल में लड़की वोट दे सकती है, तो शादी क्यों नहीं कर सकती’?
एक ठाकुर ने केशव मौर्य को स्टूल पर बैठा दिया
उन्होंने कहा कि यूपी के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने कहते हैं कि टोपी पहनने वाले, लुंगी पहनने वाले किसी को डराते हैं। मौर्या आपका समाज है। आप हमारे बारे में सोचना छोड़ दो। बाबा ने आपको स्टूल पर बैठा दिया। आप अपनी बात करें। एक ठाकुर ने आपको स्टूल पर बैठा दिया और हमको बोलते हैं कि हम टोपी, लुंगी पहनते हैं।
उन्होंने कहा कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद को मोदी सरकार खूबसूरत नहीं बना सकती। दिल्ली की जामा मस्जिद का पुननिर्माण नहीं कर सकती। मथुरा की मस्जिद को सुधारा नहीं जा सकता। अजमेर की दरगाह को खूबसूरत नहीं बनाया जा सकता। प्रधानमंत्री केवल जुबानी ही सबका साथ-सबका विकास कहते हैं।
सपा के लिए खतरा बनेंगे ओवैसी ओवैसी का आज हुआ शोषित वंचित सम्मेलन मेरठ शहर और मेरठ दक्षिण 2 विधानसभा सीटों से जुड़ा है। मेरठ में ये दोनों ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां मुस्लिम मतदाता काफी संख्या में हैं। शहर सीट पर वर्तमान में सपा के रफीक अंसारी विधायक हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मीकांत वाजपेयी को 28,769 मतों से हराया था। हिंदू-मुसलमान की सीधी टक्कर वाली इस सीट पर ओवैसी की दस्तक मुसलमान वोटों का बंटवारा कर सपा को सीधे नुकसान पहुंचा सकती है।
शहर सीट पर सपा-भाजपा में रही है कांटे की टक्कर
2,78,845 मतदाताओं वाली मेरठ शहर सीट पर पिछले दो चुनावों से सपा, भाजपा में कांटे की टक्कर रही है। 2017 में सपा से वर्तमान विधायक रफीक अंसारी ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को 28,769 मतों से हराकर जीत हासिल की थी। 2012 में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सपा के रफीक अंसारी को कुल 4.50 प्रतिशत वोटों के मार्जिन से हराया था। 2002 में लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सपा के दिलशाद अहमद को हराया था।
हिंदू-मुसलमान में बंट जाते हैं मतदाता
मेरठ शहर सीट पर मतदान के दिन सारे जातीय समीकरण फेल होकर हिंदू, मुसलमान मतों में चुनाव होता है। 1987 का हाशिमपुरा कांड और दंगों की आंच में तपने वाली इस सीट पर सीधा मुकाबला हिंदू, मुस्लिम में होता है। भाजपा के लक्ष्मीकांत वाजपेयी यहां से 4 बार विधायक रहे हैं। सपा से रफीक अंसारी, यूपीयूडीएफ से याकूब कुरैशी, शाहिद अखलाक, मंजूर अहमद भी यहां से विधायक बने हैं। हिंदुओं के साथ यहां मुस्लिम मतदाता भी काफी हैं। आजादी के बाद लगातार इस सीट पर कांग्रेस, भाजपा का कब्जा रहा है। पिछले चुनावों के परिणाम देखें तो जब भी इस सीट पर दो से अधिक मुसलमान प्रत्याशी चुनाव में उतरे तो हिंदू प्रत्याशी की जीत हुई। दो से ज्यादा हिंदू प्रत्याशी उतरने पर मुस्लिम चेहरा जीता है। 2017 के चुनाव में सिटिंग एमएलए लक्ष्मीकांत वाजपेयी, बसपा के पंकज जौली और रालोद के ज्ञानेंद्र शर्मा में वोट बंटे फायदा सपा के रफीक अंसारी को मिला। 2012 में कांग्रेस, सपा, बसपा ने यहां मुसलमान उतारे और वोट बंट गया। इसके चलते हिंदू वोटों का भारी फायदा भाजपा को हुआ और लक्ष्मीकांत वाजपेयी जीते। जब भी दो मुस्लिम प्रत्याशी मजबूती से लड़े, तब हिंदू प्रत्याशी ने बाजी मार ली।