चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में लामबंद किसानों का दिल्ली कूच लगातार जारी है। हरियाणा और पंजाब से किसान हजारों की संख्या में दिल्ली सीमा के नजदीक पहुंच गए हैं। शुक्रवार की सुबह पानीपत में लगाए बैरिकेडिंग को किसानों ने तोड़ने की कोशिश, जिसके चलते पुलिस ने पानी की बौछारों और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
वहीं, किसान बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर नाकेबंदी को लांघकर आगे बढ़े। किसानों ने दिल्ली में घुसने का प्रयास किया। यहां भी पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इसी तरह दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। उधर, किसानों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली से भिवानी के रास्ते दिल्ली जा रहे थे तभी एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे एक किसान मौत हो गई। इस घटना के बाद किसान उग्र हो गए और पुलिस को शव कब्जे में नहीं लेने दिया। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद है।
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का दिल्ली कूच तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं के नजदीक पहुंच गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने आह्वान किया कि पंजाब से आने वाले किसानों जत्थे बंदियों का आगे बढ़कर स्वागत किया जाए।
चढूनी का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो पहले छोटा भाई पिटेगा फिर बड़ा भाई, किसान शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ें। वहीं पानीपत में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला किसानों को समर्थन करने पहुंचे हैं।
यह है हरियाणा की स्थिति
अंबाला से शंभू और सौद्दापुर बॉर्डर पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। किसान बेरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके चलते उनपर पुलिस की ओर से पानी की बौछारें की गई। राष्ट्रीय राजमार्ग पर शाहाबाद के नजदीक त्यौड़ा, पिपली, करनाल जिले की सीमा में समानाबाहु और पानीपत में सिवाह गढ़ी में पुलिस की ओर से नाकेबंदी की गई है।
साथ ही जींद में दात्तासिंह वाला बॉर्डर, खनौरी-नरवाना-जींद नेशनल हाइवे पर किसान नाकेतोड़ कर आगे बढ़ रहे हैं। वहीं झज्जर की ओर से भी किसान दिल्ली की सीमा के नजदीक पहुंच चुके हैं।