मेरठ। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर बिना टोल दिए सफर करने का सिलसिला अब जल्द ही बंद होने जा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) अगले महीने से एक्सप्रेसवे पर टोल लगाने की तैयारी में है।
बताया जा रहा है कि सड़क परिवहन मंत्रालय से प्रोजेक्ट का काम जल्द पूरा करने को कहा है। इसके लिए निर्माण एजेंसी और रेलवे के अधिकारियों से वार्ता तक चिपियाना रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) का काम समय से पूरा किए जाने को कहा गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर में प्रधानमंत्री का मेरठ में कार्यक्रम है, जिसमें प्रोजेक्ट का लोकार्पण कराए जाने की तैयारी है। एक तरह से विधिवत तौर पर प्रोजेक्ट राष्ट्र को समर्पित कर दिया जाएगा। उसके बाद दिल्ली से मेरठ के बीच टोल लगाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
अक्टूबर मेें भेजा गया था प्रस्ताव:
अक्तूबर में फिर से टोल लगाने का प्रस्ताव भेजा गया लेकिन मंत्रालय से अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। अब मंत्रालय ने एनएचएआई से प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने को कहा है। एनएचएआई से कहा गया है कि वो 20 दिसंबर तक प्रोजेक्ट का काम पूरा करे। इसके लिए अगर किसी अन्य विभाग से बातचीत करनी है तो वो भी प्राथमिकता के आधार पर की जाए, जिससे कि प्रोजेक्ट को समय पर पूरा किया जाए।
तीन चरणों में अभी नहीं लिया जा रहा टोल
चार चरणों में तैयार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के तीन चरणों पर अभी कोई टोल नहीं लिया जा रहा है। तीसरे चरण में डासना से हापुड़ के बीच छिजारसी में जरूर टोल लिया जा रहा है। शेष चरणों में टोल वसूली के लिए एनएचएआई ने 18 अगस्त को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था जिस पर मंत्रालय ने यह कहते हुए स्वीकृति देने का इंकार कर दिया था कि प्रोजेक्ट के चौथे हिस्से (डासना-मेरठ) के बीच सड़क टूटी पड़ी है। इसके साथ ही दूसरे चरण (यूपी गेट-डासना) के बीच चिपियाना में काम अधूरा है।
चिपियाना में तैयार नहीं आरओबी
चिपियाना में अभी कविनगर औद्योगिक क्षेत्र की तरफ बनाया जा रहा नया आरओबी तैयार नहीं हुआ है। आरओबी को जोड़ने वाली दिल्ली और मेरठ की तरफ से सड़क पूरी तैयार हो गई है। बीच के हिस्से पर काम चल रहा है। एनएचएआई ने दिसंबर तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा था लेकिन अब मंत्रालय चाहता है कि समय सीमा तय की जाए।
ऐसा माना जा रहा है कि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री का मेरठ में कार्यक्रम होगा। इसमें प्रोजेक्ट का लोकार्पण भी कराए जाने की तैयारी है। उसके बाद मंत्रालय टोल दरों को स्वीकृति प्रदान कर वसूली शुरू करा देगा।