देख रहा है विनोद… युवाओं को कैसे अधिकारी से आंदोलनकारी बना दिया

‘बनराकस- देख रहा है विनोद नॉर्मलाइजेशन की आड़ में कैसे युवाओं को अधिकारी से आंदोलनकारी बना दिया। विनोद- देख तो माननीय योगी आदित्यनाथ भी देख रहे हैं, युवाओं की मजबूरी है, आंदोलन के अलावा कर भी क्या सकते हैं।’
पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराने की मांग को लेकर प्रयागराज में अभ्यर्थियों का चौथे दिन भी प्रदर्शन जारी है। दो दिन की परीक्षा में अलग-अलग शिफ्ट में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के एक समान मूल्यांकन के लिए आयोग ने नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) को लागू कर दिया लेकिन आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह फॉर्मूला काम कैसे करेगा। दो दिन की परीक्षा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और छात्रों के बीच जबरदस्त नोकझोंक चल रही है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फोर्स मौके पर मौजूद है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी छात्रों के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन की बात करने वाले पीसीएस, आरओ और एआरओ परीक्षा एक दिन में कराये जाने की मांग पर बेरोजगारों को पीट-घसीट रहे हैं। अंधभक्त आपको गालियां देते हैं वो भूल जाते हैं ये बेरोजगारी की मार झेलने वाले बेटे-बेटियां भी हिंदू हैं। भाजपा का नफरती जहर आपकी जिंदगी बर्बाद कर देगा।

नौजवान छात्र जो मांग लेकर गए उन्हें लाठी मारी गई, दबाया गया: अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि “ये जो लाठी चला रहे हो जैसी सेवा कर रहे हो वैसी सेवा आपको भी कभी कभी मिलेगी, नौजवान छात्र जो मांग लेकर गए उन्हें लाठी मारी गई, दबाया गया, इनके पास अब अधिकारियों के अलावा कोई नहीं बचा है।” -सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो इलाहाबाद में UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक़ के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को खत्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है। आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताकत दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके। जुड़ेंगे तो जीतेंगे।

आयोग के गेट नंबर-दो के बाहर लटके बैनर में विनोद और बनराकस के बीच का यह संवाद आंदोलन में शामिल किसी अभ्यर्थी ने गढ़ा है। अभ्यर्थियों ने पंचायत वेब सिरीज के इन दो किरदारों के जरिये उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है

बैनर पर ‘वन डे वन शिफ्ट’ परीक्षा की भी मांग की गई है। अभ्यर्थियों की नजरें अब मुख्यमंत्री पर टिकी हैं। यूपीपीएससी के गेट नंबर-दो के सामने ऐसे ही तमाम पोस्टर और बैनर धरने के तीसरे दिन बुधवार को आयोग की दीवारों पर चस्पा और जगह-जगह टंगे नजर आए। सुबह 10 बजे तक धरना स्थल पर सैकड़ों छात्र मौजूद थे और दोपहर तक इनकी संख्या हजारों में पहुंच गई।
शाम को कोचिंग से छूटने के बाद आयोग के गेट नंबर-दो से लोक सेवा आयोग चौराहे तक सड़क पर ठीक से पैदल चलने की जगह भी नहीं बची। शाम के वक्त नजारा दशहरे के किसी मेले जैसा था। कुंभ की तैयारियों के बीच सड़क के बीच डिवाइडर पर लगी रंगबिरंगी लाइटों में युवाओं का ‘कुंभ’ नजर आया। एक तरफ छात्र जगह-जगह सड़क पर घेरा बनाकर बैठे रहे और नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) के नुकसानों पर चर्चा करते रहे तो दूसरी ओर आयोग के गेट के ठीक सामने ढोल-नगाड़ों के बीच छात्र अलग अंदाज में अपनी मांग पर अड़े रहे। देर रात तक यह सिलसिला जारी रहा।
बुधवार शाम धरना स्थल पर बड़ी संख्या में छात्राएं पहुंच गईं और उनकी अगुवाई में धरने को आगे बढ़ाया गया। छात्राएं भी नारेबाजी में पीछे नहीं रहीं। छात्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बेटियों ने भी साफ कहा कि जब तक एक दिन की परीक्षा कराने और नॉर्मलाइजेशन निरस्त करने की मांग पूरी नहीं होती, आयोग के सामने डटी रहेंगी।
‘अहा टमाटर बड़े मजेदार, नॉर्मलाइजेशन है बेकार। वन डे-वन शिफ्ट।’ बुधवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने कई अभ्यर्थियों के हाथोंे में यह स्लोगन लिखा पोस्टर नजर आया। एक छात्रा के हाथ में पोस्टर था, जिस लिखा था कि यूपीसीएस आरओ/एआरओ वन डे-वन शिफ्ट, नो नॉर्मलाइजेशन, न बटेंगे न हटेंगे, जुड़ेंगे और जीतेंगे।
धरना स्थल पर मौजूद हजारों छात्रों ने बुधवार शाम कैंडल मार्च निकाला। यह मार्च उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग चौराहा से गेट नंबर-दो तक निकाला गया। छात्रों ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर भी अपना विरोध व्यक्त किया। छात्रों की संख्या इतनी अधिक थी कि कैंडल मार्च व मोबाइल टॉर्च की रोशनी सड़क जगमगा उठी।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में पूर्व की भांति एक ही दिन में कराने की मांग को लेकर भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय युवा आयोग के पूर्व सदस्य योगेश शुक्ल से उनके आवास पर मिलकर वार्ता की और ज्ञापन सौंपा। योगेश शुक्ल ने भरोसा दिलाया कि वह छात्रों के पक्ष को उचित फोरम पर रखेंगे और इसका सकारात्मक हल निकलवाने का प्रयास करेंगे।

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