गाजियाबाद। देश का 12वां और उत्तर प्रदेश का पहला डिटेंशन सेंटर दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले में बनकर तैयार हो गया है। नंदग्राम बने इस डिटेंशन सेंटर में 100 लोगों को एक साथ रखने की व्यवस्था की गई है। माना जा रहा है कि यूपी में अवैध रुप से रहने वाले विदेशियों को यहां रखा जाएगा। इमारत की रंगाई-पुताई और मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। अक्टूबर में इसका उद्घाटन हो सकता है।
अंबेडकर हॉस्टल को ओपन जेल में तब्दील किया गया
साल 2011 में दलित छात्रों के लिए नंदग्राम में दो अलग-अलग अंबेडकर हॉस्टल बनाए गए थे। जहां एक साथ 408 छात्रों के रहने की व्यवस्था थी। लेकिन, पिछले कई सालों से यह हॉस्टल बंद पड़े हैं। देखरेख के अभाव में हॉस्टल जर्जर हो गया। बताया जा रहा है कि इसे डिटेंशन सेंटर में तब्दील किए जाने का प्रस्ताव योगी सरकार ने केंद्र सरकार को दिया था।
केंद्र सरकार द्वारा जारी बजट पर मेरठ की एक निर्माण एजेंसी ने छात्रावास को डिटेंशन सेंटर में तब्दील कर दिया है। सभी मूलभूत सुविधाओं से युक्त इस डिटेंशन सेंटर की दीवारों पर काफी ऊंचाई तक तारबंदी की गई है।
पुलिस विभाग को हस्तांतरित हुआ भवन
जिला समाज कल्याण अधिकारी संजय कुमार व्यास ने बताया कि यह डिटेंशन सेंटर ओपन जेल की तरह होगा। यहां सिर्फ विदेशियों को ही रखा जाएगा। सेंटर में एक कैदी को सभी मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी। सेंटर का काम पूरा हो गया है। यह पुलिस विभाग को हस्तांतरित भी कर दिया गया है। अक्टूबर से इसकी शुरुआत हो सकती है।
क्या होता है डिटेंशन सेंटर?
डिटेंशन सेंटर एक तरह की जेल होता है। फॉरेनर्स एक्ट, पासपोर्ट एक्ट का उल्लंघन करने वाले दूसरे देशों से आए नागरिकों को रखा जाता है। प्रत्यर्पण न होने तक विदेशी नागरिकों को यहीं रखा जाता है। वर्तमान में देश में 11 डिटेंशन सेंटर हैं।
असम में सर्वाधिक छह डिटेंशन सेंटर और दिल्ली, गोवा के म्हापसा, राजस्थान के अलवर जेल, पंजाब के अमृतसर जेल, बेंगलुरु के पास सोंडेकोप्पा में डिटेंशन सेंटर हैं। असम में डिटेंशन सेंटर साल 2009 में कांग्रेस सरकार ने निर्माण का फैसला लिया था। देश का सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर असम में गोवालपारा के मातिया में बनाया जा रहा है। जहां तीन हजार अवैध प्रवासियों को एक साथ रखा जा सकता है।