नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन देश के करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि इससे अलग-अलग परीक्षाओं से मुक्ति मिलेगी और समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को बल मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। साझा पात्रता परीक्षा के जरिए यह अलग-अलग परीक्षाओं को समाप्त करेगी और समय के साथ संसाधनों की भी बचत होगी। इससे पारदर्शिता को और बल मिलेगा।
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट होने से क्या फायदा होगा?
केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए अभी अलग-अलग एजेंसियां अलग-अलग परीक्षाएं करवाती हैं। कैंडिडेट्स को बार-बार फीस भरनी होती है। टेस्ट सेंटर तक पहुंचने के लिए साल में कई बार लंबी दूरी का सफर करना पड़ता है। अब इससे छुटकारा मिल जाएगा। स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी), रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग सर्विस पर्सनल (आईबीपीएस) की पहले स्टेज की परीक्षाएं अब नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी कॉमन करवाएगी।
कॉमन एंट्रेस टेस्ट की मेरिट लिस्ट 3 साल वैलिड रहेगी
सरकार ने बताया कि केंद्र सरकार की 20 से ज्यादा रिक्रूटमेंट एजेंसी हैं। इनमें से सिर्फ 3 एजेंसियों के एग्जाम कॉमन करवाए जा रहे हैं। मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कॉमन एंट्रेस टेस्ट की मेरिट लिस्ट 3 साल के लिए वैलिड रहेगी। इस दौरान कैंडिडेट अपनी योग्यता और प्राथमिकता के हिसाब से अलग-अलग सेक्टर में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह एक ऐतिहासिक रिफॉर्म है। इससे भर्तियां, सेलेक्शन और जॉब प्लेसमेंट आसान होगा। समाज के उन तबकों का जीवन आसान होगा जो कम सुविधाओं के साथ रह रहे हैं।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। ऐसी परीक्षाओं के लिए अभी करीब 20 भर्ती एजेंसियां हैं। परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है।’
उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी। इसे देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिए ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आएंगी। एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) आएंगे।