नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (बुधवार) को वर्ल्ड यूथ स्किल डे के अवसर पर युवाओं को संबोधित किया। कोरोना के इस संकट ने विश्व- संस्कृति के साथ ही काम की प्रकृति को भी बदलकर के रख दिया है और बदलती हुई नित्य नूतन प्रौद्योगिकी ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है।
आज के दौर में बिज़नेस और बाज़ार इतनी तेजी से बदलते हैं, कि समझ ही नहीं आता रेलिवेंट कैसे रहा जाए। कोरोना के इस समय में तो ये सवाल और भी अहम हो गया है। मैं इसका एक ही जवाब देता हूं, रेलिवेंट रहने का मंत्र है, स्किल, री-स्किल और अपस्किल है।
पीएम मोदी ने कहा, स्किल आपके काम की ही नहीं, आपकी भी प्रतिभा को, प्रभाव को, प्रेरक बना देती है और साथियों यहां एक और चीज समझनी बहुत जरूरी है। कुछ लोग ज्ञान और स्किल को लेकर के हमेशा भ्रम में रहते हैं, या भ्रम पैदा करते हैं।
आज भारत में ज्ञान और स्किल, दोनों में जो अंतर है, उसे समझते हुए ही काम हो रहा है। आज से 5 साल पहले, आज के ही दिन स्किल इंडिया मिशन इसी सोच के साथ शुरू किया गया था।
चार-पांच दिन पहले देश में श्रमिकों की स्किल मैपिंग का एक पोर्टल भी शुरू किया गया है। यह पोर्टल स्किल्ड लोगों को, स्किल्ड श्रमिकों की मैपिंग करने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे एम्प्लॉयर्स एक क्लिक में ही स्किल्ड मैप वाले वर्कर्स तक पहुंच पाएंगे।